एन्नोर भारत के तमिल नाडु राज्य में चेन्नई बंदरगाह से 24 किमी उत्तर की ओर कोरोमंडल तट पर अवस्थित है। यह भारत का 12 वाँ सबसे बड़ा तथा पहला कारपोरेटीकृत सबसे बड़ा पोर्ट है। एन्नोर पोर्ट की प्राथमिक अवधारणा इसे चेन्नई बंदरगाह के उपग्रहीय बंदरगाह के रूप में विकसित करने की थी, जिसका प्राथमिक कार्य तमिल नाडु बिजली बोर्ड (टीएनईबी) के तापिवद्युत संयंत्रों को कोयले की सप्लाई करना होता। बाद में हुए कई घटनाक्रमों को देखते हुए इसके कार्यक्षेत्र में वृद्धि की गई। इन घटनाक्रमों में शामिल है तमिल नाडु सरकार की निम्न परियोजनाएँ लगाने की योजना

  1. एक निजी क्षेत्र की कंपनी के साथ मिलकर 1880 मेगावाट क्षमता वाली एक एलएनजी विद्युत परियोजना
  2. एक वृहत् पेट्रो केमिकल पार्क
  3. एक नेप्था क्रेकर संयंत्र
एन्नोर पोर्ट, चेन्नई

चेन्नई हार्बर तथा निकटवर्ती क्षेत्रों में लोहा अयस्क तथा कोयले की ढुलाई के कारण पैदा प्रदूषण तथा पर्यावरणीय खतरे को देखते हुए इन कारगो वस्तुओं को चेन्नई बंदरगाह से अन्यत्र स्थानांतरित करना आवश्यक हो गया था।. कोयला बर्थ (टीएनईबी के अलावा अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए), लोहा अयस्क, एलएनजी, पीओएल, रसायन तथा अन्य द्रव तथा प्रस्तावित पेट्रो केम पार्क की स्थापना के बाद खुलने की संभावना वाले उद्योगों के काम आने वाले कच्चे तेल के बर्थ की योजना के पीछे यही तर्क था। इन कारकों ने एन्नोर पोर्ट को नई सहस्राब्दी के एक बहुमुखी ऊर्जा पोर्ट के रूप में विकसित करने में योगदान दिया है।. एन्नोर पोर्ट के पहले चरण का विकास कार्य पूरा हो चुका है। इस पोर्ट का आदरणीय भारत के प्रधानमंत्री ने 1.2.2001 को उद्घाटन कर इसे देश को समर्पित किया था। इसका व्यावसायिक परिचालन गत 22.6.2001 को हेंडीमेक्स गियर्ड वेसेल से थर्मल कोयले की अनलोडिंग से शुरू हो गया। सेल्फ-अनलोडिंग तथा गियरलेस वेसेल 65000/77000 DWT के इस्तेमाल से इसका पूर्ण स्तरीय परिचालन दिसंबर 2002 से शुरू हो गया।.

व्यावसायिक सामर्थ्य संपादित करें

लैंडलोर्ड पोर्ट के रूप में ईपीएल बुनियादी ढांचा बनाएगा और संरक्षित करेगा तथा अपनी नियामक गतिविधि जारी रखेगा। शुष्क/प्रवाही विशाल मालवाही जहाज की देखरेख के लिए विकास, संचालन व प्रबंधन कार्गो टर्मिनल करेंगे तथा बनाओ संचालन करो हस्तांतरित करो के आधार पर निजी क्षेत्र की सहभागिता भी इसमें ली जाएगी। निजी संचालकों की आवश्यकता अपने खर्च पर बर्थ निर्माण, उच्च स्थलीय सुविधाएं स्थापित करने और संग्रहण सुविधाओं तथा कौशल संचालन में होगा।

संक्षिप्त इतिवृत्त संपादित करें

एन्नोर पोर्ट का विकास चेन्नै पोर्ट से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर की तरफ भारत के पूर्वी तट पर हरी भरी परिस्थिति में किया गया है। इसे मार्च 1999 में भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 के अंतर्गत एक प्रमुख पोर्ट घोषित किया गया था और अक्टूबर 1999 में इसे कंपनी अधिनियम 1956 के तहत एक कंपनी (एन्नोर पोर्ट लिमिटेड) के रूप में निगमित किया गया था। पोर्ट का शुभारम्भ जून 2001 में दो समर्पित कोयला बर्थ्स, 15 मीटर समीपस्थ गहराई के साथ हुआ और तब से यह तमिल नाडु विद्युत परिषद (टीएनईबी) के विद्युत गृहों के लिए तापीय कोयले का निस्तार करता आ रहा है। पोर्ट अस्थायी सुविधाओं के तहत अल्प मात्रा में लौह-अयस्क तथा पीओएल का निस्तार भी करता है। पोर्ट ने निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी के माध्यम से तरल, कोयला, लौह अयस्क, कंटेनर और अन्य आम नौभार निस्तारार्थ टर्मिनलों के विस्तार की कार्रवाई भी प्रारम्भ की है। पोर्ट प्रबन्धन आवश्यक कोर स्टाफ सहित एक भूस्वामी पोर्ट के रूप में कार्य कर रहा है।.

ईपीएल का सतत लाभार्जन का ट्रैक रिकार्ड है और अपने निवेश पर यह पर्याप्त पुनर्वापसी भी अर्जित कर रहा है। वर्ष 2007-08 के लिए सकल आय रु. 143.72 करोड़ और कर के पश्चात शुद्ध लाभ रु. 34.88 करोड़ रहा।

पिछले 3 वर्षों का एन्नोर पोर्ट का वित्तीय प्रदर्शन निम्नवत रहा (रु. करोड़ में)

विवरण 2007-08 2006-07 2005-06
सकल आय 143.72 110.50 97.81
खर्च (ब्याज, क्षरण और कर को छोड़कर) 37.88 30.02 34.67
सकल लाभ ब्याज, क्षरण और कर से पहले 105.84 80.48 63.14
कर पश्चात शुद्ध लाभ 34.88 30.64 9.07

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें