एम. कमल सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक ग़ज़ल–संग्रह बाहि जा वारिस के लिये उन्हें सन् 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]

एम. कमल
पेशासाहित्यकार
भाषासिन्धी भाषा
राष्ट्रीयताभारतीय
विषयग़ज़ल–संग्रह
उल्लेखनीय कामsबाहि जा वारिस
  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.