एरियल १ को 'यूके १' तथा 'एस ५१' के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रिटेन द्वारा अपने 'एरियल' कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया पहला उपग्रह था। इसे २६ अप्रैल १९६२ को अमेरिका में स्थित केप केनावेरल एयरफोर्स स्टेशन से अमेरिकी थोर डेल्टा रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। इसके साथ ही ब्रिटेन दुनिया में सोवियत रूस और अमेरिका के बाद अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने वाला तीसरा देश बन गया। इस उपग्रह को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' द्वारा वर्ष १९५९ व १९६० में ब्रिटेन व अमेरिका के मध्य हुई राजनीतिक चर्चाओं के बाद एक अनुबंध के तहत निर्मित किया गया था। यह अंतरराष्ट्रीय सहभागिता के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया पहला उपग्रह भी था। ६२ किलोग्राम वजनी इस बेलनाकार उपग्रह का व्यास ५८ सेमी और उंचाई २२ सेमी थी। इसमे एक टेप रिकॉर्डर के अलावा कॉस्मिक किरणों, सौर-विकिरणों और आयनमंडल संबंधी प्रयोग व अध्ययन के लिए वैज्ञानिक उपकरण लगे थे। चौदह साल तक पृथ्वी की कक्षा में रहने के बाद यह उपग्रह २४ मई १९७६ को वहां से विस्थापित हो गया।

एरियल १
एक थोर डेल्टा रॉकेट पर एरियल १ का प्रक्षेपण
प्रमुख ठेकेदारनासा
लक्ष्य प्रकारआयनमंडलीय
लॉन्च तिथि२६ अप्रेल १९६२
१८:००:१६
धारक रॉकेटथोर डेल्टा
लॉन्च स्थलकेप कैनावेरल वायु सेना स्टेशन / केप कैनावेरल वायु सेना स्टेशन अंतरिक्ष प्रक्षेपण परिसर १७
कक्षीय डिके२४ मई १९७६
कॉस्पर आई डीओमिक्रोन १ १९६२ ओमिक्रोन १
द्रव्यमान६२-किलोग्राम (१४० पौंड)
कक्षीय तत्व
व्यवस्थानिम्न पृथ्वी कक्षा
कक्षीय अंतराल१००.९ मिनट
भू - दूरस्थ१,२०२-किलोमीटर (७४७ मील)
भू - समीपक३९७ -किलोमीटर (२४७ मील)