एशियाटिक सोसायटी
एशियाटिक सोसायटी (The Asiatic Society) की स्थापना 15 जनवरी 1784 को विलियम जोंस ने कोलकाता स्थित फोर्ट विलियम में की थी। इसका उद्देश्य प्राच्य-अध्ययन का बढ़ावा देना था। इसके अलावा एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल ने भारतीय इतिहास को भी प्रभावित किया है। इसने प्राचीन के इतिहास और संस्कृति के अध्ययन का कार्य किया। विलियम जोन्स ने 1789 में अभिज्ञान शाकुंतलम का अंग्रेजी में अनुवाद किया था जो कि एशियाटिक सोसायटी द्वारा किसी भी यूरोपीय भाषा में अनुदित प्रथम ग्रंथ था।
स्थापित | 1784 |
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अवस्थिति | 1 पार्क स्ट्रीट कोलकाता – 700016 पश्चिम बंगाल, भारत |
प्रकार | संग्रहालय, पुस्तकालय |
संस्थापक | सर विलियम जोन्स |
अध्यक्ष | स्वपन कुमार प्रमाणिक[1] |
सार्वजनिक परिवहन पहुंच | पार्क स्ट्रीट |
जालस्थल | asiaticsocietykolkata.org |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- At 233, Asiatic Society archive starts new innings, goes digital
- How did the Asiatic Society mislead the whole world?
- "Asiatic Society", Banglapedia. On Line.
- "Asiatic Society of Bengal", Scholarly Societies Project.
- The Asiatic Society official website
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- ↑ "Council | Asiatic Society". www.asiaticsocietykolkata.org. The Asiatic Society. अभिगमन तिथि 15 October 2021.