एशिया के प्रकाश (मूलतः अंग्रेजी में : The Light of Asia, The Great Renunciation), सर एडविन अर्नोल्ड द्वारा रचित एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है जिसमें गौतम बुद्ध के जीवनचरित का वर्णन है। यह ग्रन्थ जुलाई १८७९ में लन्दन से प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक अंग्रेजी पद्य के रूप में है तथा ललितविस्तर का मुक्त रूप से अनुसरण करते हुए रची गयी है।

इस पुस्तक के प्रकाशन के कुछ दशक पहले तक गौतम बुद्ध तथा बौद्ध धर्म के बारे में बहुत कम पता था। इस ग्रन्थ के प्रकाशन के बाद पाश्चात्य जनमानस में बौद्ध धर्म की जानकारी और लोकप्रियता बहुत बढ़ गयी।

अपने प्रकाशन के समय से ही यह पुस्तक अत्यन्त प्रसिद्ध रही और इसके अनेक पुनर्प्रकाशन हुए। हिन्दी सहित अनेकानेक भाषाओं में इसके अनुवाद हुए हैं।

अध्याय संपादित करें

'द लाइट ऑफ एशिया' के आरम्भिक छः अध्यायों में बुद्ध के आरम्भिक जीवन का वर्णन है। इन अध्यायों में बुद्ध का जन्म, नामकरण, कपिलवस्तु के राजकुमार ; मनुष्य के कष्टों का बुद्ध द्वारा साक्षात्कार; ध्यान ; लम्बी तपस्या के बाद बुद्धत्व की प्राप्ति आदि का वर्णन है। इसके आगे के अध्यायों में बुद्ध के भ्रमण और उनकी शिक्षाओं का वर्णन है।

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें