एसएमएस भाषा अथवा एसएमएस की भाषा अथवा एसएमएस वाली भाषा[1] (अन्य नाम: टीएक्सटी, टेक्स्ट, चैट-स्पीक, एसएमएस लैंग्वैज आदि) सामान्यतः मोबाइल में भेजे जाने वाले पाठ संदेश के लिए काम में लिया जाने वाला कठबोली शब्द है। कभी-कभी यह शब्द ई-मेल अथवा इंस्टेंट मेसेजिंग के लिए भी काम में लिया जाता है।

इतिहास संपादित करें

एसएमएस भाषा की शुरूआत तार लेख से हुई क्योंकि इसमें शब्दों की संख्या के अनुसार तार भेजने का खर्चा आता था। इसमें अत्यंत-संक्षिप्त शब्द और भाव व्यक्त करने के लिए बहुत ही कम अक्षरों को काम में लिया जाता है।[2] इससे पाठ-संदेशों में खाली स्थान, समय की बचत के साथ-साथ लागत में भी कमी आती है। इसी के अनुरुप ही प्रारम्भ में सन्देश भेजते समय अक्षर-सीमा 160 हुआ करती थी और इसमें भी प्रति-अक्षर लागत आती थी।[3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "एसएमएस वाली भाषा में लिखी है आर्य बब्बर की बुक माय फियांसे". दैनिक भास्कर. ५ फ़रवरी २०१५. मूल से 25 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ मई २०१५.
  2. Lily Huang (2008-08-01). "Newsweek.com" (अंग्रेज़ी में). Newsweek.com. मूल से 13 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मई 2015.
  3. "History of Short Message Service (SMS)". Reviews and Ratings of SMS Marketing Services (अंग्रेज़ी में). Best Text Marketing. मूल से 12 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मई 2015.