अब्दुल हामिद (बांग्लादेशी राजनीतिज्ञ)
अब्दुल हमीद(बांग्ला: আব্দুল হামিদ) (जन्म:1 जनवरी 1944) एक बांग्लादेशी राजनेता हैं। वे अवामी लीग से संबंधित हैं। हामिद, किशोरगंज जिले के मीठामोनी में पैदा हुए थे। वह पेशे से वकील है।
अब्दुल हामिद আব্দুল হামিদ | |
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पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 20 मार्च 2013 | |
प्रधानमंत्री | शेख हसीना |
पूर्वा धिकारी | जिल्लुर रहमान |
पद बहाल 25 जनवरी 2009 – 24 अप्रैल 2013 | |
पूर्वा धिकारी | जमीरुद्दीन सर्कार |
उत्तरा धिकारी | सौकत अली (कार्यवाहक) |
पद बहाल 14 जुलाई 1996 – 10 जुलाई 2001 | |
पूर्वा धिकारी | एॅल. के. सिद्दिकी |
उत्तरा धिकारी | अख़तर हामिद सिद्दिकी |
जन्म | 1 जनवरी 1944 कमलपुर, बंगाल प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत |
राजनीतिक दल | अवामी लीग |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं |
महागठबंधन(2008–अब तक) |
जीवन संगी | राशिदा हामिद |
बच्चे | 1 पुत्री 3 पुत्र |
शैक्षिक सम्बद्धता | ढाका विश्वविद्यालय |
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन शुरू किया था जब वह किशोरगंज में एक छात्र था। वे गुरुदयाल गवर्नमेंट कॉलेज के उपाध्यक्ष थे। बाद में वे किशोरगंज जज कोर्ट में एक वकील बन गये। वह किशोरगंज बार एसोसिएशन में कई बार अध्यक्ष रह चुके हैं। 1970 से 2009 तक, वह एक सांसद के रूप में 7 बार बांग्लादेशी संसद में निर्वाचित हो चुके है।
25 जनवरी 2009 को, वह बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद के अध्यक्ष बने। वर्तमान में वह बांग्लादेश के 20 वें बांग्लादेश के राष्ट्रपति हैं।
प्राथमिक जीवन
संपादित करेंअब्दुल हमीद का जन्म 1 जनवरी, 1944 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में हुआ था। 20वां सदी के मध्य में ब्रिटिश भारत के विभाजन हुआ, और ईस्ट बंगाल, पाकिस्तान का हिस्सा बन गया, और पिर विभिन्न राजनीतिक और सांस्कृताक कारणों एवं पश्चिमी पाकिस्तानी स्थापिना की साम्राज्यवदी गतिविधियों के कारण 1960 और 1970 के शुरुआती दिनों में बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम शुरू हो उठी। अभी भी एक छात्र, हामिद, ने पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में भाग लिया था एवं इस दौरान उन्हों गिरफ्तार भी किया गया था और जेल में डाल दिया गया था।[1].
राजनीतिक जीवन
संपादित करें1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, अब्दुल हामिद बांग्लादेश की संसद में सात बार चुने गए। 20वीं सदी के अंत में, वह अवामी लीग के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक बन गए। जुलाई से अक्टूबर 2001 में वे पहली बार जब देश की संसद की अध्यक्षता करने के लिए चुने गए, एवं दूसरी बार, वह संसद के अध्यक्ष जनवरी 25, 2009 को बनाए गए। मध्य-मार्च 2013 को, ततकालीन राष्ट्रपति जिल्लुर रहमान को बीमारी की वजह से सिंगापुर में इलाज के लिए भेजा गया था, उस अवसर पर अब्दुल हमीद को कार्यवहक उनका बनाया गया।
जिल्लुर रहमान की मार्च 20, 2013, को मृत्यु हो गई; और अब्दुल हमीद, देश के संविधान के अनुसार, संसद के अध्यक्ष होने के नाते, बांग्लादेश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए। तत्पश्चात, अप्रैल 22, 2013 को उन्हें पुनः, बांग्लादेश का राष्ट्रपति चुना गये (इस बार राष्ट्रपतिज्ञ निर्वाचन प्रकृया द्वारा)।[2].
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Speaker's Biography" (PDF) (अंग्रेज़ी में). Bangladesh Parliament. मूल (PDF) से 9 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-03-20.
- ↑ http://www.firstpost.com/world/bangladesh-president-dies-in-singapore-668696[मृत कड़ियाँ].