ए न्यू आइडिया ऑफ इंडिया

ए न्यू आइडिया ऑफ इंडिया: इंडिविजुअल राइट्स इन ए सिविलाइज़ेशनल स्टेट , हर्ष मधुसूदन और राजीव मंत्री द्वारा सन 2020 लिखित एक पुस्तक है। [1] [2] [3] यह वेस्टलैंड पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित है। यह पुस्तक पन्थनिरपेक्षता, पूंजीवाद, भारतीय सभ्यता, उपनिवेशवाद, व्यक्तिवाद आदि विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित एक विमर्श है। [4]

ए न्यू आइडिया ऑफ इंडिया  
लेखक हर्ष मधुसूदन्, राजीव मन्त्री
देश भारत
भाषा भारतीय अंग्रेजी
प्रकार गैर-फिक्शन, कथानक
प्रकाशक वेस्टलैण्ड पब्लिकेशन

इस पुस्तक की प्रस्तावना अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने लिखी है और इसकी संस्तुति भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। [5]

नवम्बर 2020 में, भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पुस्तक की प्रशंसा और अनुशंसा करते हुए ट्विटर पर इसके बारे में लिखा था। [5]

पुस्तक का स्वागत संपादित करें

लेखक गौतम चिंतामणि ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के लिए पुस्तक की समीक्षा की। उन्होंने लिखा कि यह 'पुस्तक भारत के समृद्ध अतीत की खोज है और एक सभ्यतागत गणराज्य की अवधारणा को बहस के केंद्र में लाती है।' [6] उन्होंने कहा कि 'व्यक्तिगत अधिकारों और स्वतंत्रता के पहलू के माध्यम से भारत की महान परंपराओं को स्पष्ट करें और आज की पीढ़ी के लिए एक लंबे समय से लंबित और बहुत जरूरी दृष्टिकोण जोड़ें।' [6]

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में ही एक और समीक्षा आयी। इसमें भी इस पुस्तक की प्रशंसा की गयी थी। [1] समीक्षक ने यह इंगित किया कि पुस्तक 'पुराने और नए कई लेखकों का सन्दर्भ देते हुए संदर्भ-समृद्ध है, हालांकि पहले दो अध्यायों में जिस स्तर की चर्चा हि यदि वैसी ही चर्चा आगे के अध्यायों में होती तो इसे और भी पसन्द किया जाता। इस पुस्तक का प्रवाह सरल है, जिसका अर्थ है कि आप इसे एक या दो बैठक में समाप्त कर सकते हैं। लेकिन इसे पूरा ध्यान लगाकर पढ़ना आवश्यक है।' [1]

सुधींद्र कुलकर्णी ने द टेलीग्राफ में इसके बारे में लिखते हुए इस पुस्तक के मुख्य विचार, कि राज्य को सभी को व्यक्तियों के रूप में पहचानना चाहिए, की आलोचना की। उन्होंने लिखा, 'मुस्लिम विरोधी, ईसाई विरोधी और कांग्रेस विरोधी एक मजबूत पूर्वाग्रह लेखकों को कुछ अजीब आरोप लगाने के लिए प्रेरित करता है - वे विनायक दामोदर सावरकर के प्रशंसक हैं।' हालांकि, उन्होंने यह टिप्पणी भी की कि कांग्रेस और वामपंथियों द्वारा धर्मनिरपेक्षता को आचरण में उतारने की बात पर इस पुस्तक के लेखक 'प्रेरक तर्क' देते हैं। [7]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Two young men propose A New Idea of India and it is arresting!". The New Indian Express. अभिगमन तिथि 2021-10-09. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; ":0" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  2. "Harsh Madhusudan, Rajeev Mantri speak to WION about their book, the one that PM Modi endorsed on Twitter". WION (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-10-09.
  3. Bhattacharjee, Subhomoy (2020-12-07). "The great churning". Business Standard India. अभिगमन तिथि 2021-10-09.
  4. "Building 'a new idea of India', a much-needed reboot". The New Indian Express. अभिगमन तिथि 2021-10-09.
  5. "PM Modi shares insights of book he is reading, says, 'I hope you read it too'". mint (अंग्रेज़ी में). 2020-11-20. अभिगमन तिथि 2021-10-09. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; ":2" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  6. "'A New Idea of India' book review: Beyond partisan politics". The New Indian Express. अभिगमन तिथि 2022-01-19.
  7. "Here's a flawed idea: Individual Rights in India". www.telegraphindia.com. अभिगमन तिथि 2022-01-25.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें