ऐनी लॉक (Anne Locke; 1530 – 1590 के बाद) एक अंगरेज कवयित्री, अनुवादिका और काल्विनिस्ट संप्रदाय की उल्लेखनीय धार्मिक व्यक्तिव थी। ऐसा माना जाता है कि सॉनेट सीक्वेंस[a] प्रकाशित कराने वाली यह पहली महिला थी और इस रचना का शीर्षक अ मेडिटेशन ऑफ पॆनिटेंट सिनर (A Meditation of a Penitent Sinner)[1][2] था, जो 1560 में प्रकाशित हुई।

ऐनी लॉक के पिता का नाम स्टीफन वोगन था जो एक व्यापारी और प्रोटेस्टेंट पुनर्गठन का साथ देने वालों में से एक थे जबकि ऐनी की माता मारगेरेट गुइनेट एक रेशम कारिगर (सिल्कवूमन) थी और ऐनी बोलिन, कात्रिन पार्र आदि के लिए ट्यूडर कोर्ट में काम करती थी। ऐनी लॉक अपने माता-पता की संतानों में सबसे बड़ी थी और भाई स्टीफन और बहन जेन उनसे उम्र में छोटे थे।

१५४० में उसकी माँ का देहाँत हो गया। उसके बाद अन्न की पिता ने बहुत खोज के बाद बच्चों के लिये मिस्टर कोब को अध्यापक नियमित किया जो फ्रेन्च, लाटिन और ग्रीक में निपुण था। उसने दूसरी शादी मारजरी ब्रिन्क्लो से की। उसका देहाँत २५ दिसंबर १५४९ में हुआ।

१५४१ में आन्न की शादी हेन्री लाक्क से हुई जिसको अपनी पिता विल्लियम लक्क से बहुत सारे घर, दुकाने, खेत, और ज़मीन मिमे। १५५३ में जान नोक्स नाम का कुप्रसिद्ध पातिरी और पुनग्राहक लोक्क परिवार के साथ रहे जो उनके बहुत करीब हो गए। जान नोक्स ने उस समय का सामाजिक स्थिति को देखते हुए अन्न लोक्क को लंडेन छोडके जेनीवा जाने का उपदेश दिया। १५५७ में अन्न लोक्क लंडेन छोडकर अपने बेटा, बेटी और उनकी आया कातरिन के साथ जेनीवा पहुँची। चार दिन के अँदर उनकी नवजात बेटी की म्रुत्यू हो गयी। १८ महीने की निर्वासित जीवन के समय उसने जान काल्विन प्रसंगों को फ्रेनच से अग्रेज़ी में अनुवाद किया। १५५९ में रानी एलिज़बेत १ की परिग्रहण के बाद आन्न अपने बेटे हेन्री लाक्क के साथ पति के पास इंग्लेंड वापस आ गयी। बाद में युव हेन्री लाक्क एक प्रसिद्ध कवि बन गये। १५७२ में अन्न लाक्क ने ग्रीक पंडित एड्वरड डेरिंग से शादी किया जिसका देहांत १५७६ में हुआ। उसके तीसरी पति का नाम रिचेर्ड प्रौस था। १५९० में उसने जीन टाफिन की संक्रम की अनुवाद की।

आधुनिक पंडितों का ये राय है कि आन्न लोक्क ने ही अंग्रेज़ी का पहला सानिट अनुक्रम प्रकाशित की हैं जिसका नाम है "मेडिटेशन ओफ अ पेनिटेंट सिन्नर"। उसमे २६ सानिट शामिल है जो बैबिल पर आधारित हैं। आन्न लाक्क की कृतियों मैं चार वाक्य वाली लाटिन कविता भी है। उनकी अंतिम कृति "मार्कीस ओफ थे चिल्द्रेन ओफ गोड" का अनुवादन है जिसको १५६० मैं लिखी थी। १५८३ मैं, जान फील्ड ने लोक्क की एक हस्त्लिपी का भी प्रकाशन किया जो जान नोक्स की प्रसंगों पर आधारित ह्सि।

मेडिटेशन ओफ अ पेनिटेंट सिन्नर

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आन्न लोक्क की सानिट अनुक्रम उनकी सबसे लोक-प्रिय कृति कही गयी थी। उसका प्रकाशन १५६० मैं हुई। लोक्क ने जान काल्विन की प्रसंगों के अनुवादन के साथ कातरिन ब्रान्डन, जो सफोक की रानी थी, के निष्ठा का पत्र भी शामिल किया। जनवरी १५, १५६० को इसको "स्टेशनरस् रेगिस्टर" में डाला गया जो विरोधक और सुधारवादी साहित्य छापने के लिये प्रसिद्ध था। ये सानिट पाँच प्रारंभिक सानेट से शुरू होता है जो "ड प्रिफेस, एक्स्प्रेसिंग ड रेमैनिंग २१ सामे" के शीर्षक के नाम पर प्रकाशित किया गया था। आन्न लाक्क शायद सर थामस व्याट्ट से प्रभावित थी जब उसनी शोकसूचक स्तोत्र लिखी। दोनों स्तोत्र के एक वाक्य से एक सानेट रचना करते थे। लोक्क के परिवार बहुत बडी थी। उसके पिता स्टीफन वोगन एक सोदागर थी और हेन्री ड ४ के राजनयिक ऐजेंट भि थे। अन्ने की सौतिली माँ हेन्र्री ब्रिन्न्क्लो की विधवा थी।

  1. सॉनेट सीक्वेंस ऐसी काव्यात्मक रचना होती है जिसमें एक ही लंबी बात कई क्रमिक सॉनेट द्वारा प्रेषित की जाती है हालाँकि, ये सॉनेट अलग-अलग भी स्वतंत्र रूप से पढ़े जा सकते हैं और अपने आप में पूर्ण कविता भी होते हैं।
  1. Anne Vaughan Lock; Anne Prowse (1 January 1997). A Meditation of a Penitent Sinner: Anne Locke's Sonnet Sequence with Locke's Epistle. North Waterloo Academic Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-921075-19-6.
  2. Spiller, Michael R. G. (1997). "A literary 'first': the sonnet sequence of Anne Locke (1560) an appreciation of Anne Locke's Sonnet Sequence: A Meditation of a Penitent Sinner... with Locke's Epistle to the... Duchesse of Suffolke". Renaissance Studies. 11 (1): 41–55. मूल से 14 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 अक्टूबर 2018.