ओडलाळ देवनूरु महदेव की एक महत्वपूर्ण लघु कहानी है । 1978 में लिखी गई ओडलाळ की आकृति, कला और सामाजिक प्रासंगिकता दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण कृति है। इस कार्य को समीक्षकों द्वारा सराहा गया और 1987 में भारतीय भाषा परिषद पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

कहानी की रूपरेखा

संपादित करें

हास्य की एक शानदार भावना

संपादित करें

नई पीढ़ी की चित्रण

संपादित करें