औद्योगिक नीति
किसी देश की औद्योगिक नीति (industrial policy) वह नीति है जिसका उद्देश्य उस देश के निर्माण उद्योग का विकास करना एवं उसे वांछित दिशा देना होता है।
औद्योगिक नीति का अर्थ सरकार के उन निर्णयों एवं घोषणाओं से है जिसमें उद्योगों के लिए अपनायी जाने वाली नीतियों (Policy) का उल्लेख होता है। सरकार द्वारा बनाई गई औद्योगिक नीति से उस देश के औद्योगिक विकास के निम्नलिखित तथ्यों का पता चलता हैः
- औद्योगिक विकास की कार्य योजना एवं कार्य योजना की रणनीति क्या होगी?
- औद्योगिक विकास में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की भूमिका क्या होगी?
- औद्योगिक विकास में विदेशी उद्यमियों (Foreign investors) एवं विदेशी पूंजी निवेश की दिशा क्या होगी?
भारत की औद्योगिक नीतियाँ
संपादित करें१९४७ में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अब तक भारत ६ बार औद्योगिक नीति की घोषणा कर चुका है, जो कि निम्नलिखित हैं:
- पहली औद्योगिक नीति 1948,
- दूसरी औद्योगिक नीति 1956,
- तीसरी औद्योगिक नीति 1977,
- चौथी औद्योगिक नीति 1980,
- पाँचवीं औद्योगिक नीति 1990,
- छठी औद्योगिक नीति 1991,
इस नीति की घोषणा 24जुलाई1991 को की गई जिसमे व्यापक स्तर पर उदारवादी कदमों की की घोषणा की गई|इस नई औद्योगिक नीति में 5 प्रमुख उद्योगों को छोड़कर अन्य सभी उद्योगों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया जो निम्न है - (1)अल्कोहलयुक्त पेय पदार्थों का आसवन मद्यकरण (2)तम्बाकू निर्मित सिगार, सिगरेट तथा विनिर्मित तम्बाकू उत्पाद (3) इलेक्ट्रोनिक, एरोस्पेस और सभी प्रकार के रक्षा उपकरण (4) डिटोनेटिंग फ्यूजिज़,बारूद,नाइट्रोसेल्यूलोज़ और दियासलाई सहित औद्योगिक विस्फोटक (5) खास तरह के खतरनाक रसायन, जैसे- (1) हाइड्रोसाइएनिक अम्ल और इसके व्युत्पन्न, (2) फास्जीन एवं इसके व्युत्पन्न और (3) आइसोसायनेट एवं हाइड्रोकार्बन के डासोसायनेट (उदाहरण–मिथाइल आइसोसायनेट)।
- सातवी औद्योगिक नीति 2022
इन्हें भी देखें
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