यह मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इस शाखा के अन्तर्गत विभिन्न अद्योगों के लिए कच्चे माल की प्रप्ति के स्रोतों, उत्पादन की समस्याओं, उत्पादित वस्तुओं के व्यापार, अद्योगों के स्थानिक वितरणों आदि का अध्ययन किया जाता हैं।

जे. डबल्यू . alexander ने "वस्तुओं के अधिक मूल्यवान स्वरूप परिवर्तन को ही विनिर्माण कहते हैं"