औसत अनियमितता
अंतरिक्ष में किसी वस्तु की कक्षा को निर्दिष्ट करता है
खगोलीय यांत्रिकी में औसत अनियमितता (mean anomaly) दो-वस्तु समस्या के सन्दर्भ में किसी दीर्घवृत्त कक्षा में परिक्रमा करती वस्तु की स्थिति का अनुमान लगाने के लिये प्रयोग होने वाले एक कोण (ऐंगल) है। यह उस कक्षा के उपकेन्द्र (pericenter) के दृष्टिकोण से दीर्घवृत्त कक्षा में इस वास्तविक वस्तु और ठीक उस के बराबर कक्षीय अवधि की एक काल्पनिक वृत्ताकार कक्षा में स्थित एक काल्पनिक वस्तु के बीच की कोणीय दूरी को कहते हैं।[1][2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Montenbruck, Oliver (1989). Practical Ephemeris Calculations. Springer-Verlag. पृ॰ 44. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-387-50704-3.
- ↑ Meeus, Jean (1991). Astronomical Algorithms. Willmann-Bell, Inc., Richmond, VA. पृ॰ 182. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-943396-35-2.