कंचनजंगा सिक्किम-नेपाल सीमा पर 28,146 फुट ऊँचा, गौरीशंकर (एवरेस्ट) पर्वत के बाद विश्व का दूसरा सर्वोच्च पर्वत शिखर है। इस पर्वत की भूगर्भीय स्थिति हिमालय की मुख्य श्रेणी के सदृश है। यह तिब्बत एवं भारत की जल विभाजक रेखा के दक्षिण में स्थित है। इसीलिए इसकी उत्तरी ढाल की नदियाँ भी भारतीय मैदान में गिरती हैं। कंचनजंगा तिब्बती शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ 'महान हिमानियों के पाँच अतिक्रमण' है, जो इसकी पाँच चोटियों से संबंधित है। इसका दूसरा नाम 'कोंगलोचु' है, जिसका शाब्दिक अर्थ 'बर्फ़ का सर्वोच्च पर्दा' है।