कंथक, राजकुमार सिद्धार्थ के प्रिय घोड़े का नाम था। कन्थक १८ हाथ लम्बा और श्वेत वर्ण था। बौद्ध ग्रन्थों में वर्णित है कि राजकुमार सिद्धार्थ संन्यास ले के पहले सभी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए कन्थक का ही उपयोग करते थे। जब ज्ञान के अन्वेषण के लिए राजकुमार सिद्धार्थ ने गृह त्याग किया तो दुःख के कारण कन्थक ने भी शरीर त्याग दिया।

कन्थक से विदा लेते हुए सिद्धार्थ