कच्छी भाषा असल में सिन्धी भाषा ही है। कच्छी भाषा नाम की कोई अलग भाषा नहीं है। बल्कि यह तो सिंधी भाषा ही है। कच्छ जिला सिन्ध प्रांत का हिस्सा था। बाद में, विभाजन में सिन्ध का बड़ा भाग पाकिस्तान के हिस्से में चला गया जो कि सिंन्ध ही कहलाता है। और उसका एक जिला कच्छ भारत के हिस्से में आया। अतः ये सिंध प्रांत की मुख्य भाषा है। और यह सिन्धी हिन्दू समुदाय की मातृभाषा है। कच्छ मे जो कच्छी भाषा के नाम से प्रचलित है, वह वह सिन्धी भाषा ही है। भारतीय संविधान मे कच्छी भाषा का कोई स्थान नहीं है। हां भारतीय संविधान में सिन्धी भाषा को आधिकारिक भाषा घोषित किया है। यह सिन्धी भाषा सिन्धी हिंदू समाज के लोग बोलते हैं। वो इस भाषा को सिन्धी भाषा ही कहते हैं। परंतु कच्छ में सिन्धी भाषा को क्षेत्रीय आधार पर कच्छी भाषा भी कहा जाता है। और कच्छ मे सिन्धी भाषा सिर्फ सिन्धी हिन्दू समुदाय(समाज) के लोग ही नहीं बल्कि कच्छ में रहने वाली अन्य समुदाय की जातियां एवं वहां के (कच्छ जिले के) निवासी यही भाषा बोलते हैं। सिन्धी भाषा को कच्छ जिले के नाम के आधार पर कच्छी भाषा कहते हैं। जबकि कच्छी भाषा नाम की कोई भाषा नही है बल्कि यह सिन्धी भाषा ही है।

कच्छी भाषा
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