कटक (भूविज्ञान)
भूगर्भीय विशेषता जिसमें पर्वतों या पहाडियों की श्रृंखला कुछ दूरी तक निरंतर शिखा बनाती हैं
कटक (ridge) ऐसी भूवैज्ञानिक स्थलाकृती होती है जिसमें धरती, बर्फ़ या किसी अन्य स्थाकृतिक सामग्री का एक उभरा हुआ और तंग अंश कुछ दूरी तक लगातार चले। उदाहरण के लिये पर्वतमालाओं के अक्सर पर्वतों के शिखरों पर लम्बी दूरी तक कटक की आकृति मिलती है, जो समभ्व है कि शिखरों के बीच ज़रा कम ऊँचाई की हो, लेकिन आसपास की धरती से स्पष्ट ऊँची प्रतीत होती है।[1]
इन्हें भी देखें (भूविज्ञान )
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Interior Structure of the Earth and Planets," Vladimir Naumovich Zharkov, CRC Press, 1986, ISBN 978-3-71860-067-0