अकबर के समय कणकुत प्रणाली राजस्व निर्धारण की एक प्रणाली थी। हिन्दी में 'कण' का अर्थ है 'अनाज' और कुत का अर्थ है 'अनुमान'। इसके अनुसार फसल को तीन अलग-अलग पुलिन्दों में काटा जाता था -(1) अच्छा (2) मध्यम और (3) खराब।
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