कण्ठ्य अक्षर वह अक्षर हैं जो सीधे ही कंठ से निकलते हैं। यानि कि उनके उच्चारण में जीभ को मुख के किसी भी भाग को छूना नहीं पड़ता। जैसे कि: "क" "ख" "ग" "घ" "ङ" वैसे तो इस श्रेणी के बिन्दु वाले अक्षर भी कंठ्य अक्षर होते हैं पर वो "अलिजिह्वीय श्रेणी" में शामिल हैं। उनका उच्चारण थोड़ा भिन्न होता है जो साधारण सुनने में आया है।