कतौता
कतौता (Katauta) [1]
कतौता (5-7-7) वर्ण क्रम की एक त्रिपदी जापानी काव्य रूप है, जिसमें कुल 19 अक्षर होते हैं । यह एक जापानी काव्य विधा है, जिसका प्रयोग हिन्दी में भी होने लगा है । जापान में कतौता का उपयोग प्रेमी को संबोधित कविताओं के लिए किया गया था । एक एकल कतौता को वास्तव में एक आधी या अधूरी कविता कह सकते हैं, हालाकि 5-7-7 वर्ण क्रम के दो कतौते के उपयोग से जो रचना बनती है, उसे सेदोका कहा जाता है । जापान की प्रसिद्ध प्राचीन पुस्तक "मान्योशू" में एकल कतौता तो नहीं परंतु सेदोका रचनाएँ संकलित हैं । "भावों की कतरन" विश्व का प्रथम कतौता संग्रह हिन्दी भाषा में प्रकाशित हुआ है ।
[भावों की कतरन (विश्व का प्रथम कतौता संग्रह) ISBN 978-93-89999-70-9 अयन प्रकाशन दिल्ली] [2]