कनकउआ (वानस्पतिक नाम:Commelina benghalensis / कोमेलिना बेघालेंसिस ; अंग्रेजी : Tropical prider wort) एक खरपतवार है। इसे केना या 'कृष्ण घास' भी कहते हैं।

कनकउआ या केना घास

इसे असम में 'कोनासियोलू', महाराष्ट्र में 'केना' तथा उड़ीसा में 'कंचारा कांकु' से जाना जाता है यह वार्षिक या बहुवर्षीय चौड़ी पत्ती श्रेणी की लता है, जो अधिकतम ४० सें.मी. ऊँची होती है। इसमें नीले रंग के फूल लगे होते हैं। यह बीज और भूस्तारी से प्रचरण करता है। बीज काला एवं खुरदुरी सतह वाला होता है। यह खरपतवार गीली भूमियों को अधिक पसंद करता है और वानस्पतिक प्रजनन विधि द्वारा तेजी से बढ़ता है। आरम्भिक अवस्था में यदि इसे नियन्त्रित न किया जाये, तो प्रतिस्पर्धा क्षमता ज्यादा होने के कारण उपज में ५०% तक कमी कर सकता है।


भारत मे केना ग्रास सब्जीके लिये किचनमे उपयोगमे लाया जाता है. प्रचुर मात्रामे मायक्रो न्यूट्रिअंट्स होनेके साथ साथ आदिवासी और किसानोंके लिये यह सब्जी इम्युनिटी बुस्टर का काम करती है।इसे मध्यप्रदेश में कनौआ कहते है जो एक खरपतवार है ।देवकीनंदन वर्मा