कन्या भ्रूण हत्या निवारण अधिनियम, १८७०

ब्रिटिश भारत में वैधानिक अधिनियम

कन्या भ्रूण हत्या निवारण अधिनियम, १८७० [1] (या 1870 का आठवाँ अधिनियम) ब्रिटिश भारत में पारित एक विधायी अधिनियम था, जिसका उद्देश्य कन्या शिशुओं की हत्या को रोकना था। इस अधिनियम की धारा ७ ने घोषणा की कि यह शुरू में केवल अवध, उत्तर-पश्चिमी प्रांतों और पंजाब के क्षेत्रों में लागू था, लेकिन अधिनियम के मुताबिक़ गवर्नर जनरल अपने विवेक अनुसार ब्रिटिश राज के किसी भी अन्य जिले या प्रांत में भी कानून इसे लागू कर सकते थे।[2]

कन्या भ्रूण हत्या निवारण अधिनियम, १८७० (१८७० का अधिनियम VIII)
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए पारित अधिनियम।
द्वारा अधिनियमित Governor-General of India in Council
अधिनियमित करने की तिथि 18 March 1870
शुरूआत-तिथि 20 March 1870

ब्रिटिश उपनिवेशवादी अधिकारियों ने भारतीय उपमहाद्वीप में कन्या शिशुहत्या की घटनाओं को समाप्त करने के लिए ईसाई मिशनरियों और सामाजिक सुधारकों के दबाव में, यह पारित किया। इस कानून की प्रस्तावना में कहा गया है कि ब्रिटिश भारत के कुछ हिस्सों में कन्या शिशुओं की हत्या आमतौर पर की जाती है, और ये हिस्से अवध, उत्तर-पश्चिमी प्रांत और पंजाब थे।[3] अधिनियम शुरू में इन्हीं क्षेत्रों पर लागू किया गया।[4]

टिप्पणियाँ

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  1. "Indian Short Titles Act (XIV), 1897" in Government of India, Legislative Department (1899). The unrepealed general acts of the Governor General in Council: with chronological tables. From 1834 to 1903, both inclusive, Volume 6. Calcutta: Superintendent of Govt. Printing. पृ॰ 337. अभिगमन तिथि 7 September 2011.
  2. The Unrepealed General Acts of the Governor General in Council, p. PA165, गूगल बुक्स पर
  3. The Unrepealed General Acts of the Governor General in Council, p. PA165, गूगल बुक्स पर
  4. Section 7 of The Unrepealed General Acts of the Governor General in Council, p. PA167, गूगल बुक्स पर