कपालकुण्डला
कपालकुंडला (बंगला : কপালকুণ্ডলা) बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित बंगाली भाषा का एक प्रेम उपन्यास है। इसकी रचना १८६६ में हुई थी। इसमें 'कपालकुण्डला' नामक एक वनवासी कन्या की कहानी है जो सप्तग्राम के नवकुमार नामक एक लड़के से प्यार करने लगती है और फिर उससे विवाह कर लेती है। उपन्यास में दिखाया गया है कि वह वनवासी कन्या नगर के जीवन से तालमेल नहीं बैठा पाती है।
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बाहरी कड़ियाँ
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- कपालकुण्डला (हिन्दी अनुवाद) (गूगल पुस्तक)
- कपालकुण्डला (विकिस्रोत)
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