कमला चौधरी (1908- 1970) वह उन महिला समाज-सुधारकों और लेखिकाओं में से एक थीं, जिन्होंनेेे महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए सामाजिक-राजनीतिक और सांस्कृतिक स्तर पर प्रयास किया। वह एक स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रवादी महिला थी, जो भारत की संविधान सभा की सदस्य चुने गए थीं।

जीवन परिचय संपादित करें

कमला चौधरी का जन्मकमला चौधरी का जन्म 22 फरवरी 1908 को लखनऊ में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविधालय से हिंदी साहित्य में रत्न और प्रभाकर की उपाधि धारण की। उनके पिता राय मनमोहन दयाल डिप्टी कलेक्टर थे। उनके नाना 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में लखनऊ में स्वतंत्र अवध सेना के कमांडर थे।


1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान, चौधरी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। तब से वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थीं और ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा कई बार उन्हें कैद किया गया था।

उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 54 वें सत्र के दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह भारत की संविधान सभा की एक निर्वाचित सदस्य थीं और संविधान को अपनाने के बाद 1952 तक सदस्य रहीं । वह उत्तर प्रदेश राज्य समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड की सदस्य भी थीं।

1962 में उत्तर प्रदेश की संसदीय सीट हापुड़ से INC के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा सांसद चुनी गई। वह एक लेखिका थी, उनकी कहानियों के चार संग्रह; अनमद (1934), पिकनिक (1936), यात्रा (1947) और बेल पत्र प्रकाशित किए गए।

उनके कामों में लैंगिक भेदभाव, किसानों का शोषण और विधवाओं की खराब स्थिति मुख्य विषय थे। 1970 में उनकी मृत्यु हो गई।