कमला देवी गुजरात के वाघेला राजपूत राजा कर्णदेव द्वितीय की रानी थी। 1297 ई. में कर्णदेव द्वितीय को अलाउद्दीन खिलजी की फ़ौज द्वारा पराजय का सामना करना पड़ा। कर्णदेव द्वितीय अपनी पत्नी कमला देवी को छोड़ कर गुजरात से भाग निकला और उसने देवगिरि के राजा रामचन्द्र देव के यहाँ शरण ली।

बाद में कमला देवी को अलाउद्दीन ख़िलजी के हरमख़ाने में भेज दिया गया। बाद के दिनों में अलाउद्दीन ख़िलजी ने उससे विवाह कर लिया और वह "मल्लिकाजहाँ" के नाम से जानी गई।