कंपोस्टकारी शौचालय (composting toilet) मानव मल के ट्रीटमेंट का सवायु (aerobic) विधि है जिसमें कंपोस्टिंग प्रक्रिया का उपयोग करने के फलस्वरूप बहुत कम (या बिल्कुल नहीं) जल डालना पड़ता है। यह विधि प्राय वायुहीन विनष्टन (decomposition) से तीव्र होती है। ज्ञातव्य है कि सेप्टिक तंत्रों में वायुहीन विनष्टन पद्धति ही ही प्रयुक्त होती है। कम्पोस्टकारी शौचालय प्रायः केन्दीकृत जलमल ट्रीटमेन्ट संयंत्रों (सीवर) के विकल्प के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। इनके निम्नलिखित लाभ हैं-

कम्पोस्टकारी शौचालय में मल को शीघ्र विघटित करने के लिये कई पदार्थ उपयोग किये जा सकते हैं। इनमें लकड़ी का बुरादा प्रमुख है।
मूत्र को अलग रखकर निर्जलीकरण करने वाला कम्पोस्टिंग शौचालय 1: ह्यूमस विभाग, 2: संवातन (Ventilation) पाइप, 3: शौचालय की सीट, 4:मूत्रालय, 5:मूत्र संग्रह एवं निर्जलीकरण, A:दूसरी मंजिल, B:पहली मंजिल, C:भूतल
  • कम पानी की जरूरत पड़ती है या बिना पानी के ही काम चल जाता है।
  • जो चीज पौधों के लिये पोषक हो सकती है उसे पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में छोड़कर उसे खराब करने से रोकने के लिये,
  • मानव मल के पोषक तत्वों को ग्रहण करके उनका उचित उपयोग करने हेतु

ये शौचालय, गड्ढा शौचालय से भिन्न हैं जिससे भूजल के प्रदूषित होने का खतरा बना रहता है।

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