कम्मत्थान (संस्कृत : कर्मस्थान) बौद्ध दर्शन से सम्बन्धित पालि शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ है, 'कर्म का स्थान'। इस शब्द का मूल अर्थ किसी व्यक्ति का 'व्यवसाय' (कृषि, व्यापार, पशुपालन आदि) हुआ करता था। वर्तमान समय में इस शब्द का सम्बन्ध बौद्ध ध्यान से है।

एक पालि शास्त्र में 40 कम्मत्थानों की सूची है, जिसमें उपकरण (जैसे- रंग या प्रकाश), विकर्षक वस्तुएं (जैसे शव), स्मरण (जैसे बुद्ध का) और ब्रह्मविहार (सदगुण, जैसे मित्रता) शामिल हैं।