करनावद
करनावद (Karnawad) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के देवास ज़िले में स्थित एक नगरपंचायत है।[1][2]
करनावद Karnawad | |
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निर्देशांक: 22°43′48″N 76°14′31″E / 22.730°N 76.242°Eनिर्देशांक: 22°43′48″N 76°14′31″E / 22.730°N 76.242°E | |
ज़िला | देवास ज़िला |
प्रान्त | मध्य प्रदेश |
देश | भारत |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 22,221 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
== इन्हें भी देखें ==मालवांचल में पांडव और कौरवों ने अनेक मंदिर बनाएं थे जिनमें से एक है सेंधल नदी के किनारे बसा यह कर्णेश्वर महादेव का मंदिर। करनावद (कर्णावत) नगर के राजा कर्ण यहां बैठकर ग्रामवासियों को दान दिया करते थे इस कारण इस मंदिर का नाम कर्णेश्वर मंदिर पड़ा। मालवा और निमाड़ अंचल में कौरवों द्वारा बनाए गए अनेकों मंदिर में से सिर्फ पांच ही मंदिर को प्रमुख माना गया हैं जिनमें क्रमश: ओंमकारेश्वर में ममलेश्वर, उज्जैन में महांकालेश्वर, नेमावर में सिद्धेश्वर, बिजवाड़ में बिजेश्वर और करनावद में कर्णेश्वर मंदिर। इन पांचों मंदिर के संबंध में किंवदंति हैं कि पांडवों ने उक्त पांचों मंदिर को एक ही रात में पूर्वमुखी से पश्चिम मुखी कर दिया गया था। कर्णेश्वर महादेव मंदिर के पूजारी हेमंत दुबे ने कहा कि ऐसी किंवदंती है कि वनवास या अज्ञातवास के दौरान माता कुंती रेत के शिवलिंग बनाकर शिवजी की पूजा किया करती थी तब पांडवों ने पूछा कि आप किसी मंदिर में जाकर क्यों नहीं पूजा करती? कुंती ने कहा कि यहां जितने भी मंदिर हैं वे सारे कौरवों द्वारा बनाए गए है जहां हमें जाने की अनुमति नहीं है। इसलिए रेत के शिवलिंग बनाकर ही पूजा करनी होगी।कुंती का उक्त उत्तर सुनकर पांडवों को चिंता हो चली और फिर उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से उक्त पांच मंदिर के मुख को बदल दिया गया तत्पश्चात कुंती से कहा की अब आप यहां पूजा-अर्चना कर सकती हैं क्योंकि यह मंदिर हमने ही बनाया है।
कर्णेश्वर मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। बताया जाता हैं कि इस मंदिर में स्थित जो गुफाएं हैं वे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के अलावा अन्य तीर्थ स्थानों तक अंदर ही अंदर निकलती है। गांव के कुछ लोगों द्वारा उक्त गुफाओं को बंद कर दिया गया है ताकि वह सुरक्षित रहे।
यहां प्रतिवर्ष श्रावण मास में उत्सवों का आयोजन होता है और बाबा कर्णेश्वर महादेव की झांकियां निकलती हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293