'कर्कोट' पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है। जो प्रजापति कशयप का कद्रू के गर्भ से उत्पन्न पुत्र और नागों के राजा शेषनाग , वासुकी और तक्षक का भाई था

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार कर्कोटक नागों का एक राजा था जिसने इन्द्र के अनुरोध पर नल को काटा था। इस दंश के फलस्वरूप नल ऐंठनयुक्त तथा कुरूप हो गये।

कर्कोटक ने नारद को धोखा दिया था जिससे क्रोधित होकर नारद ने उसे शाप दिया जिससे वह एक कदम भी नहीं चल पाता था। कर्कोटक, नल का मित्र था। उसने नल को सलाह दी कि वह अयोध्या के राजा ऋतुपर्ण के पास जाकर वहां अपना नाम बदलकर बाहुक कर ले और वहीं रहे।

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