प्राचीनकाल से कर्नाटक का स्थापत्य (कन्नड़: ಕರ್ನಾಟಕ ವಾಸ್ತುಶಿಲ್ಪ) इसके दक्षिणी नियोलिथिक और शुरूआती लौह युग से से आरम्भ होता है जिसने धार्मिक-सांस्कृतिक रूप से वास्तुशिल्प वैचारिक और उपयोगितावादी परिवर्तन देखे।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. अर्जुन, आर॰ (2014). "Architecture of Karnataka; The Antiquity and the Transformation (From Tekkalakota to Pattadkal)". mySOCIETY. VII (1–2): 26–44. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 जून 2018.