कर्नाटक सरकार

कर्नाटक का लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित निकाय

कर्नाटक राज्य में भारत के अन्र राज्यों कि भांति ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा चुनी गयी एक द्विसदनीय संसदीय सरकार है: विधान सभा एवं विधानपरिषद। विधाण सभा में २४ सदस्य हैं जो पांच वर्ष की अवधि हेतु चुने जाते हैं।[1] विधान परिषद् एक ७५ सदस्यीय स्थायी संस्था है और इसके एक-तिहाई सदस्य (२५) प्रत्येक २ वर्ष में सेवा से निवृत्त होते जाते हैं।[1]

कर्नाटक

राज चिह्न
सरकार बंगलुरु
कार्यपालिका
राज्यपाल वजुभाई वाला
मुख्य मंत्री एच॰ डी॰ कुमारस्वामी
विधायिका
विधान सभा कर्नाटक विधान सभा
स्पीकर कगोदु थिम्मप्पा
विधान सभा सदस्य २२५
परिषद कर्नाटक विधान परिषद
अध्यक्ष डि एच शन्करमुर्ती
परिषद सदस्य ७५
न्यायपालिका
उच्च न्यायालय कर्नाटक उच्च न्यायालय
मुख्य न्यायाधीश सुब्रो कमाल मुखरजी
http://www.karnataka.gov.in
बंगलुरु स्थित कर्नाटक सरकार का विधान भवन: विधान सौध

कर्नाटक सरकार की अध्यक्षता शासन में आयी पार्टी के सदस्य द्वारा चुने गये मुख्य मंत्री करते हैं। मुख्य मंत्री अपने मंत्रिमंडल सहित तय किये गए विधायी एजेंडा का पालन अपनी अधिकांश कार्यकारी शक्तियों के उपयोग से करते हैं।[2] फिर भी राज्य का संवैधानिक एवं औपचार्क अध्यक्ष राज्यपाल ही कहलाता है। राज्यपाल को ५ वर्ष की अवधि हेतु केन्द्र सरकार के परामर्ष से भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।[3] कर्नाटक राज्य की जनता द्वारा आम चुनावों के माध्यम से २८ सदस्य लोक सभा हेतु भी चुने जाते हैं।[4][5] विधान परिषद् के सदस्य भारत के संसद के उच्च सदन, राज्य सभा हेतु १२ सदस्य चुन कर भेजते हैं।

प्रशासनिक सुविधा हेतु कर्नाटक राज्य को चार राजस्व विभागों, ४९ उप-मंडलों, २९ जिलों, १७५ तालुक तथा ७४५ राजस्व वृत्तों में बांटा गया है।[6] प्रत्येक जिले के प्रशासन का अध्यक्ष वहां का उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) होता है। उपायुक्त एक भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है तथा उसकी सहायता हेतु राज्य सरकार के अनेक उच्चाधिकारी तत्पर रहते हैं। भारतीय पुलिस सेवा से एक अधिकारी राज्य में उपायुक्त पद पर आसीन रह्ता है। उसके अधीन भी राज्य पुलिस सेवा के अनेक उच्चाधिकारी तत्पर रहते हैं। पुलिस उपायुक्त जिले में न्याय और प्रशासन संबंधी देखभाल के लिए उत्तरदायी होता है। भारतीय वन सेवा से एक अधिकारी वन उपसंक्षक अधिकारी (डिप्टी कन्ज़र्वेटर ऑफ फ़ॉरेस्ट्स) के पद पर तैनात होता है। ये जिले में वन और पादप संबंधी मामलों हेतु उत्तरदायी रहता है। प्रत्येक विभाग के विकास अनुभाग के जिला अधिकारी राज्य में विभिन्न प्रकार की प्रगति देखते हैं, जैसे राज्य लोक सेवा विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशुपालन आदि।

कर्नाटक सरकार के आधिकारिक राजचिह्न में गंद बेरुंड बीच में बना है। इसके ऊपर घेरे हुए चार सिंह चारों दिशाओं में देख रहे हैं। इसे सारनाथ में अशोक स्तंभ से लिया गया है। इस चिह्न में दो शरभ हैं, जिनके हाथी के सिर और सिंह के धड़ हैं।

राज्य की न्यायपालिका में सर्वोच्च पीठ कर्नाटक उच्च न्यायालय है, जिसे स्थानीय लोग "अट्टार कचेरी" बुलाते हैं। ये राजधानी बंगलुरु में स्थित है। इसके अधीन जिला और सत्र न्यायालय प्रत्येक जिले में तथा निम्न स्तरीय न्यायालय ताल्लुकों में कार्यरत हैं।

कर्नाटक राज के आधिकारिक चिह्न में गंद बेरुंड बीच में बना है। इसके ऊपर घेरे हुए चार सिंह चारों दिशाओं में देख रहे हैं। इसे सारनाथ में अशोक स्तंभ से लिया गया है। इस चिह्न में दो शरभ हैं, जिनके हाथी के सिर और सिंह के धड़ हैं। कर्नाटक की राजनीति में मुख्यतः तीन राजनैतिक पार्टियों: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल का ही वर्चस्व रहता है।[7] कर्नाटक के राजनीतिज्ञों ने भारत की संघीय सरकार में प्रधानमंत्री तथा उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदों की भी शोभा बढ़ायी है। वर्तमान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यू.पी.ए सरकार में भी तीन कैबिनेट स्तरीय मंत्री कर्नाटक से हैं। इनमें से उल्लेखनीय हैं पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान क़ानून एवं न्याय मंत्रालयवीरप्पा मोइली हैं। राज्य के कासरगोड[8] और शोलापुर[9] जिलों पर तथा महाराष्ट्र के बेलगाम पर दावे के विवाद राज्यों के पुनर्संगठन काल से ही चले आ रहे हैं।[10]

प्रशासनिक प्रभाग संपादित करें

कर्नाटक राज्य ४ राजस्व प्रभागो, ४९ उप-प्रभागो, ३० ज़िलों, १७६ तालुकाओं और ५६२८ तालुकाओं में विभाजित हैं। राज्य में २८१ कसबे और ७ नगर निगम हैं। बेंगलूर २३ महानगर, भारत में शहरी संकुलन और शहरों से बाहर पांचवां सबसे बड़ा शहरी ढेर है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "ओरिजिन एण्ड ग्रोथ ऑफ कर्नाटक लेजिस्लेचर". कर्नाटक सरकार. कर्नाटक सरकार. मूल से 26 मई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ५ मई २००७.
  2. पायली, एम वी. २००३ कॉन्स्टीट्यूश्नल गवर्न्वेंट इन इण्डिया, न्यू देह्ली: एस.चांद & कं. पृ.३६५
  3. "The Head of the State is called the Governor who is the constitutional head of the state as the President is for the whole of India", पायली, एम वी, २००३। कॉन्स्टीट्यूश्नल गवर्न्वेंट इन इण्डिया, न्यू देह्ली: एस.चांद & कं. पृ.३५७।
  4. "हमारी संसद – एक परिचय". भारतीय संसद. भारत सरकार. मूल से 18 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २५ दिसम्बर २०१०.
  5. "लोक सभा- इंट्रोडक्शन". द इण्डियन पार्लियामेण्ट. भारत सरकार. मूल से 9 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ४ जून २००७.
  6. "स्टैटिस्टिक्स- कर्नाटक स्टेट". वन विभाग. कर्नाटक सरकार. मूल से 27 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ४ जून २००७.
  7. "कर्नाटक पॉलिटिक्स – सस्पेन्स टिल २७ जनवरी". OurKarnataka.com. OurKarnataka.Com,Inc. मूल से 27 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ४ जून २००७.
  8. "'गवर्न्मेंट नॉट कीन ऑन सॉल्विंग कसरगोड डिस्प्यूट'" (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. २४ अक्टूबर २००५. मूल से 16 जनवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २५ अक्टूबर २००७.
  9. "बॉर्डर रो: गवर्न्मेन्ट टोल्ड टू फ़ाइण्ड पर्मानेन्ट सॉल्यूशन" (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. २९ सितंबर २००६. मूल से 1 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २५ अक्टूबर २००७.
  10. "बॉर्डर डिस्प्यूट सॉल्व्स एन.सी.पी द ब्लशेज़". द टाइम्स ऑफ इण्डिया. २६ सितंबर २००६. मूल से 12 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १ नवम्बर २००७.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें