कल्बासु मछली दक्षिणी एशिया एवं दक्षिणी पूर्वी एशिया में पायी जाती है।इसे काली रोहू भी कहते है। इसकी पीठ का हिस्सा पेट की तुलना में अधिक उत्तल होता है। इसके नाक पर कोई छिद्र नहीं होता है। तथा इसका रंग काला होता है। नदियों के संग्रह में इस मछली का सबसे बड़ा नमूना 300सेमी. तक पाया गया है। यह मछली जल की। निचली सतह से भोजन लेती है। भोजन में यह मछली वनस्पति पदार्थ क्रस्टेशियंश, कीटों के लार्वा, शैवाल, कीचड़ व रेत खाती है। यह मछली तालाब की सफाई में भी सुधार करती हैं। इसके यकृत में 5.5ग्राम तेल पाया जाता है जो कि विटामिन ए का अच्छा स्रोत है। [1]

कल्बासु मछली, कलकत्ता, भारत
  1. डॉ. मनमोहन सुन्दरिया. कल्बासु (2018 संस्करण). राजस्थान राज्य पाठयपुस्तक मंडल 2-2ए, झालाना डूंगरी, जयपुर. पपृ॰ १४८. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789387089754.