राजस्थान प्रांत में जयपुर जिले से ३२५ किलोमीटर दूर बाराँ जिले में कवई नामक गाँव है। इस गाँव के ९० प्रतिशत लोग गाँव के बाहर शादी विवाह नहीं करते हैं। इस कारण भारत में इसे विशेष रूप से स्थानीय विवाह करने वाले गाँव के रूप में जाना जाता है।[1] दरअसल ये गाँव वाले, रिषिश्वेशर समुदाय है, इनके पुरखे लगभग तीन सौ साल पहले, मध्य भारत (आज का मध्य प्रदेश) से रोजगार की तलाश मे राजस्थान मे आकर बसे थे। तब से वे यहीं के होकर रह गए। धीरे धीरे आपस मे विवाह का सिलसिला शुरु हुआ, जिसने बाद मे परम्परा का रूप ले लिया। सफल शादियों ने इनके उत्साह को और बढाया।[2]

  1. "अडोस मे मायका, पड़ोस मे ससुराल". मेरा पन्ना. मूल से 25 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २२ दिसंबर २००८. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "A village that frowns upon 'outsider' brides, grooms" (एचटीएम) (अंग्रेज़ी में). इंडियाईन्यूज़. अभिगमन तिथि २२ दिसंबर २००८. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]