कवित्त रत्नाकर रीतिकालीन कवि सेनापति द्वारा लिखा गया प्रसिद्ध ग्रंथ है। 'कवित्त रत्नाकर' में 394 छंद हैं।[1]सेनापति अनूपशहर के रहने वाले कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे। इनके पिता का नाम 'गंगाधार', पितामह का 'परशुराम' और गुरु जी का नाम 'हीरामणि दीक्षित' था। सेनापति का जन्मकाल संवत 1646 के आसपास माना जाता है।[2]

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सन्दर्भ संपादित करें

  1. "'कवित्त रत्नाकर' में कितने छंद हैं?". अभिगमन तिथि 28 मई 2021.[मृत कड़ियाँ]
  2. "सेनापति". अभिगमन तिथि 28 मई 2022.