कष्टहरणी भवानी मंदिर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर ग्राम में स्थित है। इस धाम के बारे में मान्यता है कि यह पद्मपुराण और वाल्मीकि रामायण में वर्णित देवी का वो मंदिर है जहां भगवान राम ने गुरु विश्वामित्र और अनुज लक्ष्मण के साथ अयोध्या से बक्सर जाते समय पूजा अर्चना की थी।[1]

कष्टहरणी भवानी मंदिर
कष्टहरणी भवानी मंदिर
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिकरीमुद्दीनपुर,गाजीपुर, उत्तर प्रदेश
वास्तु विवरण
प्रकारशाक्त मंदिर

महात्म्य

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पौराणिक कथाओं के अनुसार यह स्थान पहले दारुकवन के नाम से प्रसिद्ध था। तो वहीं जनश्रुतियों के अनुसार वानप्रस्थ के समय महाराज युधिष्ठिर अपने भाइयों, पत्नी द्रौपदी व कुल पुरोहित धौम्य ऋषि के साथ इस स्थान पर कुछ दिनों तक विश्राम करते हुए देवी की पूजा-अर्चना की थी। त्रेता युग में राम-लक्ष्मण ने अपने गुरु विश्वामित्र के साथ आयोध्या से बक्सर जाते समय देवी के पूजन-अर्चन के पश्चात विश्राम कर बक्सर जाकर ताड़का का बध किया। अघोरेश्वर बाबा कीनाराम को तो मां कष्टहरणी ने स्वयं अपना प्रसाद प्रदान कर पहली सिद्धी से परिपूर्ण किया था।[2]

  1. "मां कष्टहरणी भवानी: जहां सबकी भरती है झोली". Jagran.com. अभिगमन तिथि 2017-07-16.
  2. "करीमुद्दीनपुर- मां कष्टहरणी भवानी". amarujala.com. अभिगमन तिथि 2017-07-16.