कांताजी मंदिर, दिनाजपुर
कांताजी मंदिर बांग्लादेश के दिनाजपुर में स्थित एक उत्तर मध्यकालीन हिंदू मंदिर है। इस मंदिर के आराध्य देवता भगवान कृष्ण हैं। बंगाल के कृष्ण-भक्त राधा-माधव संप्रदाय का यह प्रमुख मंदिर है, अठारहवीं सदी के शिल्प और स्थापत्य का बेजोड़ नमूना है।[1]
कांताजी मंदिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | Kantaji (कृष्ण)[1] |
त्यौहार | Rash mela |
अवस्थिति जानकारी | |
ज़िला | दिनाजपुर |
राज्य | रंगपुर |
देश | बांग्लादेश |
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भौगोलिक निर्देशांक | 25°47′26″N 88°40′00″E / 25.79056°N 88.66667°Eनिर्देशांक: 25°47′26″N 88°40′00″E / 25.79056°N 88.66667°E |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | नवरत्न |
निर्माता | राजा रामनाथ |
निर्माण पूर्ण | 1722 CE[2] |
इतिहास
संपादित करेंइस मंदिर का निर्माण महाराजा प्राणनाथ द्वारा 1704 में शुरू करवाया गया जो महाराजा रामनाथ के शासनकाल में सन् 1722 में पूर्ण हुआ। टेराकोटा शिल्पकारी के लिए यह मंदिर पूरी दुनिया में विख्यात है। एक समय में इस मंदिर के ऊपर नौ शिखर थे लेकिन सन् 1897 में आए भूकंप में ये सभी शिखर क्षतिग्रस्त हो गए।[3]
स्थापत्य
संपादित करेंइस मंदिर का निर्माण नवरत्न शैली में नव शिखरों के साथ हुआ था, जो साल 1897 में आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गए।
चित्र दीर्घा
संपादित करें-
प्रवेशद्वार पर टेराकोटा साज सज्जा
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मंदिर के बाहर टेराकोटा शिल्प
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कांताजी मंदिर
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Ghosh, P. (2005). Temple To Love: Architecture And Devotion In Seventeenth-Century Bengal. Indiana University Press. पृ॰ 46. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-253-34487-8.
- ↑ ABM Husain,. Architecture: a History Through the Ages. Asiatic Society of Bangladesh. LCCN 2008419298. OCLC 298612818.सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link) (pg; 243)
- ↑ Ahmed, Nazimuddin (2012). "Kantanagar Temple". प्रकाशित Islam, Sirajul; Jamal, Ahmed A. (संपा॰). Banglapedia: National Encyclopedia of Bangladesh (Second संस्करण). Asiatic Society of Bangladesh.