काइटबोर्डिंग पानी की सतह पर खेला जाने वाला एक खेल है जिसके तहत वॉटरबोर्डिंग, स्नोबोर्डिंग, विंड्सर्फिंग, सर्फिंग, पैराग्लाइडिंग, स्केटबोर्डिंग और जिमनॅस्टिक जैसे खेलों के अवयवों को मिलाकर एक साहसिक खेल बनाया गया है। एक काइट बोर्डर हवा की ताक़त का प्रयोग करके एक विशाल आकर वाले पावर काइट बोर्ड को पानी की सतह पर चलता है। काइट बोर्ड देखने में किसी बिना बंधन अथवा पट्टी वाले वेकबोर्ड अथवा एक छोटे सर्फ बोर्ड की तरह ही लगता है।

A kitesurfer off Long Beach, California, USA
Kitesurfing in Boracay, Philippines
Katwijk, the Netherlands

काइटबोर्डिंग की कई सारी भिन्न विधाएँ हैं जैसे कि फ्रीस्टाइल, फ्रीराइड, डाउन राइडर्स, स्पीड, कोर्स राइडिंग, जंपिंग और लहरों में काइटसर्फिंग.[1] काइटसर्फिंग, काइटबोर्डिंग की लहरों पर सवारी करने की एक खास विधा है जिसमे सामान्य सर्फबोर्ड अथवा इस कार्य के लिए खास तौर पर बनाए गये बोर्ड का प्रयोग किया जाता है। साल २०१२ में आई. एस. ए. एफ. और आई. के. ए. ने दुनिया भर में काइट सरफर्स की अनुमानित संख्या १.५ मिलियन बताई थी। काइट गियर की बिक्री का वैश्विक व्यापार २५० मिलियन डालर के आसपास था।

१८वी शताब्दी में जॉर्ज पॉकक ने बड़े आकार वाली काइट का प्रयोग गाड़ियों को सतह पर और नावों को पानी में खींचने के लिए किया। इसमे उसी चार-स्तरीय नियंत्रण प्रणाली का प्रयोग किया गया था जो आज भी प्रचलित है। गाड़ियाँ और नाव दोनो हो मुड़ने और आगे बढ़ने में सफल रहे थे। इन काइट्स को काफ़ी समय तक उड़ाने में भी सफलता मिली थी। इसका तत्कालिक उद्देश्य था हॉर्स पवार को काइट पावर से स्थांतरित करना क्योंकि उस समय लगने वाला हॉर्स टॅक्स काफ़ी अलोकप्रिय हो गया था। [2]

साल १९०३ में विमानन जगत के प्रणेता सॅम्यूल कोडी ने एक ऐसी काइट का विकास किया जिसके द्वारा उन्होने एक छोटी सी नाव में इंग्लीश चॅनेल को पार करने में सफलता प्राप्त की। १९७० के दसक में पहले केव्लर और फिर स्पेकट्रा फ्लाइयिंग लाइन्स के विकास के कारण अधिक सुगमता से नियंत्रित की जा सकने वाली काइट्स का निर्माण हुआ और इसके वास्तविक उपयोग में वृद्धि हुई। १९७८ में इयान डे द्वारा फ्लेक्सी फाय्ल काइट द्वारा चालित टॉर्नेडो कॅटमरॅन ने ४० किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक की रफ़्तार हासिल की।

अक्तूबर १९७७ में हॉलॅंड के गिजसबेर्टूस अद्रियानूस पनह्ईसे ने काइटसर्फ़िंग में विश्व का पहला पेटेंट [3] हासिल किया। इस पेटेंट के तहत एक खास प्रकार के पानी में खेले जाने वाले खेल का विवरण है जो सर्फ बोर्ड की ही तरह के एक तैरने वाले बोर्ड पर खेला जाता है। इसके तहत बोर्ड पर सवार चलाक की पोशाक से ट्रपीज़ टाइप बेल्ट से बँधा एक पैराशूट टाइप का वायु प्रेरक यंत्र चालक को आगे खींचता है। हालाँकि इस पेटेंट से किसी भी तरह के व्यापारिक लाभ की प्राप्ति नहीं हुई फिर भी इसी कारण पनहुसे को काइटसर्फिंग का प्रणेता माना जाता है।

१९८० के दसक में कनोए, आइस स्केट्स, स्नो स्की, वॉटर स्की और रोलर स्केट्स को काइट के साथ जोड़ने के कई प्रयास किए गये जिनमे से कुछ सफ़ल भी रहे।

१९७० के पूरे दसक और १९८० के दसक के प्रारंभिक कुछ वर्षो की मेहनत के बाद जर्मनी के डीटर स्ट्रसिल्ला ने पहले पैराशूट स्कीइंग और फिर एक काइट स्कीइंग प्रणाली का विकास किया जिसमे एक स्वनिर्मित पैराग्लाइडर और एक बॉल स्विवेल सॉकेट की सहायता से पायलट को हवा आने की दिशा में उड़ाने और ऊपर उठने के अलावा अपनी इच्छा से हवा में उठ सकने में भी सहायता मिली। स्ट्रसिल्ला और उके स्विस साथी आंड्ररा कून ने बाद में इसी खोज के माध्यम से सर्फबोर्ड्स. स्नो बोर्ड्स, ग्रस्स्कीएस और स्वनिर्मित बग्घियों से काइट के संयोजन में भी सफलता प्राप्त की। १९७९ में उसके द्वारा प्राप्त किए गये एक पेटेंट में पहली बार काइटसर्फिंग के लिए फुलाए जा सकने वाले काइट के डिज़ाइन का वर्णन किया गया है। [4]

नवंबर १९८४ में फ्रांस के अट्लॅंटिक कोस्ट में रहने वाले ब्रूनो लिगिजोनक्स और डॉमिनीक लिगिजोनक्स नाम के दो भाईओं ने फुलाए जा सकने वाले काइट के डिज़ाइन का पेटेंट करा लिया और इसी का प्रयोग कर कई कंपनियों ने अपने उत्पाद विकसित किए।

१९९० में आशबरटन, न्यूज़ीलॅंड में रहने वाले पीटर लिन ने व्यावहारिक तौर पर काइट बग्गीईग की शुरुआत की। लिन ने आधुनिक पेरफाय्ल काइट के पूर्व रूप से एक तीन पहियों वाली बग्गी को जोड़ा. काइट बग्गीईग दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय हुई और १९९९ तक करीब १४०० काइट बग्गी बेची जा चुकी थी।

बग्गीईग की सफलता के समानांतर रोएसएलेर्स पिता-पुत्र द्वारा यू. एस. ए में और लिगिजोनक्स बंधुओ द्वारा फ्रांस में आधुनिक काइट सर्फिंग का स्वरूप भी विकसित हो रहा था। बोयिंग कंपनी में एरोडाइनैमिक अभियंता के पद पर कार्यरत बिल रोएसएलेर और उनके पुत्र केरी रोएसएलेर ने "काइट स्की" सिस्टम का पेटेंट करवाया.

साल १९९९ तक काइटसर्फिंग एक प्रमुख खेल के रूप में जानी जाने लगी और नैस और नील प्राइड जैसे निर्माताओं के कारण इस खेल के उपकरण भी आसानी से मिलने लगे। विंडसर्फिंग और सर्फिंग के बोर्ड्स पर आधारित एक ही दिशा में जाने वाले बोर्ड्स ही काइट सर्फिंग के भी प्रमुख उपकरण बन गये। २००१ के बाद से ट्विन-टिप बाई-डायरेक्सनल बोर्ड्स वॉटर राइडर्स के पसंदीदा उपकरण बन गये हालाँकि सर्फिंग के लिए अभी भी एक ही दिशा में जाने वाले बोर्ड्स ही प्रचलित थे।

मई २०१२ में काइट सर्फिंग के कोर्स रेसिंग स्टाइल को विंडसर्फिंग की जगह रियो ओलंपिक्स २०१६ के लिए चुना गया। [5] हालाँकि नवंबर २०१२ में आई. एस. ए. एफ. की जनरल असेंब्ली की डू लॉहेर, आयरलैंड में हुई बैठक के दौरान मतदान के बाद इस फ़ैसले को पलटते हुए आर. एस. एक्स. विंडसर्फिंग को दुबारा ओलंपिक्स में शामिल कर लिया गया। यह अपने तरह का एक असाधारण फ़ैसला था जिसमे आई. एस. ए. एफ. के सदस्य देशों ने आई. एस. ए. एफ. काउन्सिल के फ़ैसले को बदला था। इस तरह कम से कम २०२० तक काइट सर्फिंग ओलंपिक्स से बाहर ही रहेगी.

मई २०१३ के मध्य में आई. एस, ए. एफ. ने २०२० ओलंपिक्स में काइट सर्फिंग को ग्यारहवें पदक वाले खेल के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया और साथ-ही-साथ आर. एस. एक्स. विंडसर्फिंग की महिला और पुरुष वर्ग की स्पर्धाओं सहित वर्तमान १० स्पर्धाओं को २०२० और २०२४ ओलंपिक्स में भी शामिल रखने का निर्णय लिया।

इस बीच २०१८ में ब्यूनॉस एरिस, अर्जेंटीना में होने वाले यूथ ओलंपिक्स में काइट सर्फिंग को एक अधिकारिक स्पर्धा के रूप में शामिल कर लिया गया है। [6]

  1. Kitesurfing styles Archived 2017-06-15 at the वेबैक मशीन, Kitesurfing Handbook
  2. Peter Lynn A brief history of kitesurfing Archived 2006-08-19 at the वेबैक मशीन, Aquilandia.com, 2006
  3. [1], Patent NL7603691 (A) ― 11 October 1977
  4. Patent DE2933050
  5. "ISAF Selects Kiteboarding For Rio 2016". International Sailing Federation. 5 May 2012. मूल से 19 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 मई 2017.
  6. "Kiteboarding coming to 2018 Youth Olympics! - Kitesurfing Magazine". मूल से 8 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 मई 2017.

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