हरिता

पादप के उपवर्ग (ब्रायोफाइटा)
(काई से अनुप्रेषित)

हरिता या मॉस (Moss) अपुष्पक पादप है। ब्रायोफाइटा वर्ग के इस प्रचलित पौधे में वास्तविक जड़ों का अभाव रहता है। यह सामान्यतः १ से १० से. मी. लम्बा होता है। यह छायादार एवं नम जगहों पर समुहों में उगता है। यह बिना जड़ का पौधा है। इसकी १२०० से अधिक जातियाँ हैं।[1]

वन में मॉस
चट्टान पर हरिता (मॉस)

ब्रायोफाइटा के एक वर्ग मसाइ (Musci) या ब्रायोपसिडा (Bryopsida) के अंतर्गत लगभग १४००० जातियाँ पाई जाति हैं। ये पृथ्वी के हर भाग में पाए जाते हैं। ये छाया तथा सर्वथा नम स्थानों में पेड़ की छाल, चट्टानों आदि पर उगते हैं। इनके मुख्य उदाहरण स्फैग्नम (Sphagnum), (जो यूरोप के पीट में बहुत उगता है), एंड्रिया (Andreaea), फ्यूनेरिया (Funaria), पोलीट्राइकम (Polytrichum), बारवुला (Barbula) श् इत्यादि हैं।

मॉस एक छोटा सा एक या दो सेमी ऊँचा पौधा हैं, इसमें जड़ों के बजाय मूलामास (Rhizoid) होते हैं जो जल तथा लवण लेने में मदद करते हैं। तना पतला, मुलायम और हरा होता है, इनपर छोटी छोटी मुलायम पत्तियाँ धनी तरह से लगी होती हैं जिसके कारण मॉस पौधों का समूह एक हरे मखमल की चटाई जैसा लगता है। प्रजनन के हेतु इन पौधों में स्त्रीधानी (Archegonium) तथा प्रधानी में नर युग्मक बनते हैं जो इसके बाहर आकर अपनी दो बाल जैसी पक्षाभिका (Celia) की मदद से पानी में तैरकर स्त्रीधानी तक पहुँचते हैं और उसके अंदर मादा युग्मक से मिल जाते हैं। गर्भाधान के पश्चात्‌ बीजाणु उद्भिव या कैप्सूल बनता है जिसके अंदर छोटे छोटे हजारों बीजाणु बनते हैं। ये बीजाणु हवा में तैरते हुए पृथ्वी पर इधर उधर बिखर जाते हैं और एक नए आकार को जन्म देते हैं। इन्हें प्रथमतंतु (Protonema) कहते हैं। ये जल्दी ही नए मॉस पौधे को जन्म देते हैं।

मॉस मिट्टी का निर्माण करते हैं। उनकी छोटी छोटी यूलिकाएँ धीरे धीरे कार्य करती हुई चट्टानों को छोटे छोटे कणों में तोड़ देती हैं। समय पाकर वे पत्थरों को धूल में परिणत कर देते हैं। इनकी पत्तियाँ वायु के धूलकणों को रोककर धीरे धीरे मिट्टी को गहरी बना देती हैं। मॉस वर्षा के जल को भी रोक रखता है। इससे मिट्टी गीली रहती है जहाँ अन्य पौधे आकर रुक जाते और पनपते हैं। मिट्टी में जल को रोककर मॉस बाढ़ से भी बचाते हैं। मॉस के बारबार उगने और मर जाने से वहाँ समय पाकर पीट नामक कोयला बनता है जिसका व्यवहार जलावन के रूप में होता है। मिट्टी के साथ मिलकर मॉस उसे उपजाऊ भी बनाता है। मॉस से मिट्टी में जल रोक रखा जाता है। पीट के दलदल अनेक देशों, जैसे जर्मनी, स्वीडन, हॉलैंड आयरलैंड और संयुक्त राज्य अमरीका के अनेक भागों में पाए जाते हैं।

  1. Goffinet, Bernard (2004). "Systematics of the Bryophyta (Mosses): From molecules to a revised classification". Monographs in Systematic Botany. Missouri Botanical Garden Press. 98: 205–239. नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)