काच संक्रमण
अक्रिस्टलीय पदार्थों का कठोर एवं भंगुर प्रावस्था से पिछली हुई रबर-जैसी अवस्था में आना काच-द्रव संक्रमण (या संक्षेप में 'काच संक्रमण') कहलाता है। यह एक व्युत्क्रमणीय प्रक्रिया है। जिस ताप पर काच-द्रव संक्रमण होता है उस ताप को 'काच संक्रमण ताप' Tg कहते हैं। जो भी अक्रिस्टलीय पदार्थ काच-द्रव संक्रमण का गुण प्रदर्शित करते हैं, काच कहलाते हैं। इसके विपरीत, श्यान द्रव का अतिशीतलन करके काच बनाने की प्रक्रिया को काचीकरण (vitrification) कहते हैं।
ध्यान देने योग्य बात है कि यद्यपि काच संक्रमण में पदार्थ के भौतिक गुणों में बहुत अधिक परिवर्तन होता है, तथापि काच संक्रमण अपने आप में प्रावस्था-परिवर्तन (phase transition) नहीं है। Tg का मान क्वथनांक Tm से सदा कम होता है।
प्रमुख बहुलकों का Tg
संपादित करेंPolímero | Tg (°C में) | Tm (°C में) |
---|---|---|
ABS | 110
|
190
|
Poliacetal | -85
|
175
|
नाइलोन 6 | 50
|
225
|
नाइलोन 6,6 | 50
|
260
|
नाइलोन 6,10 | 40
|
215
|
नाइलोन 11 | 45
|
185
|
Poliacrilonitrilo | 87
|
320
|
पॉलीब्यूटाडाइन | -121
|
-
|
पॉलीकार्बोनेट | 152
|
225
|
पी पी | -20
|
215
|
पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) | 80
|
205
|
पॉलीस्टरीन | 100
|
235
|
पॉलीस्टर | -
|
235
|
PEAD | -35 a -120
|
135
|
PEBD | -35 a -120
|
105
|
PET | 80
|
265
|
PMMA | 100 a 120
|
-
|
पॉलीप्रोपिलीन | -15 a -25
|
160
|
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |