काजली तीज भाद्रपद की कृष्ण तीज को में मनाई जाती है। इसे सातुड़ी या बड़ी तीज भी कहा जाता है इस दिन कन्याएं व सुहागिनें व्रत रखकर संध्या को नीमड़ी की पूजा करती हैं। कन्याएं सुन्दर,सुशील वर तथा सुहागिनें पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। वे तीज माता की कथा सुनती हैं। मन्दिरों में देवों के दर्शन करती हैं।

काजली तीज
आधिकारिक नाम भाद्रपद कृष्ण तृतीया

सन्दर्भ संपादित करें