कात्यायन (गोमिलपुत्र)
गोमिलपुत्र कात्यायन ने छंदोपरिशिष्टकर्मप्रदीप की रचना की है। कुछ लोगों का अनुमान है कि श्रौतसूत्रकार कात्यायन और स्मृतिप्रणेता कात्यायन एक ही व्यक्ति हैं। परंतु यह सिद्धांत ठीक नहीं जान पड़ता। हरिवशंपुराण में विश्वामित्रवंशीय "कति" के पुत्र कात्यायन गण का नामोल्लेख है। कात्यायन गण में वेदशाखा के प्रवर्तक अनेक व्यक्ति हुए हैं और इन्हीं में से एक याज्ञवल्क्य शुक्लयजु: अर्थात् वाज़सनेयि शाखा के प्रवर्तक हैं। श्रोत सूत्रकार कात्यायन इसी वाजसनेयि शाखा के अनुवर्तक हैं। इसी से यह अनुमान होता है कि विश्वामित्रवंशीय याज्ञवल्क्य के अनुवर्ती कात्यायन ऋर्षि ही कात्यायन श्रौतसूत्र के रचियिता हैं और गोमिलपुत्र कात्यायन स्मृतिकार हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- कात्यायन (विश्वामित्रवंशीय) - जिन्होंने श्रोत, गृह्य और प्रतिहार सूत्रों की रचना की।
- कात्यायान (वररुचि) - सोमदत्त के पुत्र और पाणिनीय सूत्रों के प्रसिद्ध वार्तिककार।
- अन्य कात्यायन