कादंबरी मेहरा का नाम ब्रिटेन के उन प्रवासी कथाकारों के साथ लिया जाता हैं जिन्होंने पिछले दशक में अपनी उपस्थिति से समस्त हिंदी साहित्यकारों का ध्यान अपनी ओर खींच। उनके लेखन की शुरुआत वाराणसी के 'आज' अखबार से हुई और बाद में वे स्कूल व कॉलेज की साहित्यिक गतिविधियों से जुडी रहीं।

अंग्रेजी साहित्य से स्नातकोत्तर उपाधि लेने के बाद वे लंदन चली गयीं जहां अध्यापन को अपना कार्यक्षेत्र बनाया और 25 वर्षों तक इससे जुडी रहीं।

अवकाश प्राप्ति के बाद अब फिर से कहानी और उपन्यास की दुनिया में प्रवेश किया है। 'कुछ जग की' शीर्षक से उनका एक कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुआ है।

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