कान्हा बाघ अभयारण्य
कान्हा बाघ अभयारण्य (Kanha Tiger Reserve) भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक बाघ अभयारण्य है। यह मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। कान्हा को राष्ट्रीय उद्यान 1 जून 1955 को और बाघ अभयारण्य सन् 1973 में धोषित करा गया। यह राज्य के बालाघाट और मंडला ज़िले में 940 वर्ग किमी पर विस्तारित है। यहाँ बंगाल बाघ, भारतीय तेन्दुआ, स्लोथ रीछ, बारहसिंगा और सोनकुत्ता मिलते हैं। वन विभाग ने इस अभयारण्य के लिए एक काल्पनिक शुभंकर बनाया है, जिसका नाम "भूरसिंह बारहसिंगा" है।[1][2][3]
कान्हा बाघ अभयारण्य | |
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Kanha Tiger Reserve | |
आईयूसीएन श्रेणी द्वितीय (II) (राष्ट्रीय उद्यान) | |
![]() कान्हा बाघ अभयारण्य में बाघ | |
अवस्थिति | मध्य प्रदेश, भारत |
निकटतम शहर | मंडला |
निर्देशांक | 22°13′39″N 80°38′42″E / 22.22750°N 80.64500°Eनिर्देशांक: 22°13′39″N 80°38′42″E / 22.22750°N 80.64500°E |
क्षेत्रफल | 940 कि॰मी2 (360 वर्ग मील) |
निर्मित | 1933 1955; (राष्ट्रीय उद्यान के रूप में) 1974; (बाघ अभयारण्य के रूप में) | (वन्य अभयारण्य के रूप में)
आगंतुक | 1,000 (1989 में) |
शासी निकाय | मध्य प्रदेश वन विभाग |
विवरण
संपादित करेंमध्य प्रदेश अपने राष्ट्रीय उद्यानों और वनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और वास्तुकला के लिए विख्यात कान्हा पर्यटकों के बीच हमेशा ही आकर्षण का केन्द्र रहा है। कान्हा शब्द कनहार से बना है जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ चिकनी मिट्टी है। यहां पाई जाने वाली मिट्टी के नाम से ही इस स्थान का नाम कान्हा पड़ा। इसके अलावा एक स्थानीय मान्यता यह रही है कि जंगल के समीप गांव में एक सिद्ध पुरुष रहते थे। जिनका नाम कान्वा था। कहा जाता है कि उन्हीं के नाम पर कान्हा नाम पड़ा।
कान्हा जीव जन्तुओं के संरक्षण के लिए विख्यात है। यह अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं का घर है। जीव जन्तुओं का यह पार्क 940वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। रूडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब और धारावाहिक जंगल बुक की भी प्रेरणा इसी स्थान से ली गई थी। सन् १९६८ में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इस उद्यान का ९१७.४३ वर्ग कि. मी. का क्षेत्र कान्हा व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया।[4]
यहाँ के वन्य प्राणियों को देखने और कुछ अच्छा समय व्यतीत करने के लिए सोनाक्षी सिन्हा और महेंद्र सिंह धोनी जैसे बड़े सितारे भी आ चुके हैं। [5]
स्थिति
संपादित करेंयह राष्ट्रीय पार्क 940 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है[6]। यह क्षेत्र घोड़े के पैरों के आकार का है और यह हरित क्षेत्र सतपुड़ा की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इन पहाड़ियों की ऊंचाई 450 से 900 मीटर तक है। इसके अन्तर्गत बंजर और हेलन की घाटियां आती हैं जिन्हें पहले मध्य भारत का प्रिन्सेस क्षेत्र कहा जाता था। 1879-1910 ईसवी तक यह क्षेत्र अंग्रजों के शिकार का स्थल था। कान्हा को 1933 में अभयारण्य के तौर पर स्थापित कर दिया गया और इसे 1955 में राष्ट्रीय उद्यान् घोषित कर दिया गया। यहां अनेक पशु पक्षियों को संरक्षित किया गया है। लगभग विलुप्त हो चुकी बारहसिंहा की प्रजातियां यहां के वातावरण में देखने को मिल जाती है।
कान्हा एशिया के सबसे सुरम्य और खूबसूरत वन्यजीव रिजर्वो में एक है। बाघ का यह देश परभक्षी और शिकार दोनों के लिए आदर्श जगह है। यहां की सबसे बड़ी विशेषता खुले घास के मैदान हैं जहां काला हिरन, बारहसिंहा, सांभर और चीतल को एक साथ देखा जा सकता है। इस उद्यान मे बन्दर और चीतल का साथ मे दिखना बहुत आम बात है। बांस और टीक के वृक्ष इसकी सुन्दरता को और बढा देते हैं।
आकर्षण
संपादित करेंबारहसिंगा
संपादित करेंयह प्रजाति कान्हा का प्रतिनिधित्व करती है और यहां बहुत प्रसिद्ध है। कठिन ज़मीनी परिस्थितियों में रहने वाला यह अद्वितीय जानवर टीक और बांसों से घिरे हुए विशाल घास के मैदानों के बीच बसे हुए हैं। बीस साल पहल से बारहसिंगा विलुप्त होने की कगार पर थे। लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर उन्हें विलुप्त होने से बचा लिया गया। दिसम्बर माह के अंत से जनवरी के मध्य तक बारहसिंगों का प्रजनन काल रहता है। इस अवधि में इन्हें बेहतर और नज़दीक से देखा जा सकता है। बारहसिंगा पाए जाने वाला यह भारत का एकमात्र स्थान है।
जीप सफारी
संपादित करेंजीप सफारी सुबह और दोपहर को प्रदान की जाती है। जीप मध्य प्रदेश पर्यटन विकास कार्यालय से किराए पर ली जा सकती है। कैम्प में रूकने वालों को अपना वाहन और गाइड ले जाने की अनुमति है। सफारी का समय सुबह ६ बजे से दोपहर के १२ बजने तक और दोपहर मे ही ३ बजे से शाम के ५:३० बजने तक निर्धारित किया गया है।
बाघ दृश्य
संपादित करेंबाघों को नजदीक से देखने के लिए पर्यटकों को हाथी की सवारी की सुविधा दी गई है। इसके लिए सीट की बुकिंग करनी होती है। इनकी सेवाएं सुबह के समय प्राप्त की जा सकती हैं। इसके लिए भारतीयों से 100 रूपये और विदेशियों से 600 रूपये का शुल्क लिया जाता है।
पक्षी
संपादित करेंयहां पर पक्षियों के मिलन स्थल का विहंगम दुश्य भी देख सकते है। यहां लगभग 300 पक्षियों की प्रजातियां हैं। पक्षियों की इन प्रजातियों में स्थानीय पक्षियों के अतिरिक्त सर्दियों में आने प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। यहां पाए जाने वाले प्रमुख पक्षियों में सारस, छोटी बत्तख, पिन्टेल, तालाबी बगुला, मोर-मोरनी, मुर्गा-मुर्गी, तीतर, बटेर, हर कबूतर, पहाड़ी कबूतर, पपीहा, उल्लू, पीलक, किंगफिशर, कठफोडवा, धब्बेदार पेराकीट्स आदि हैं।
कान्हा संग्रहालय
संपादित करेंइस संग्रहालय में कान्हा का प्राकृतिक इतिहास संचित है। यह संग्रहालय यहां के शानदार टाइगर रिजर्व का दृश्य प्रस्तुत करता है। इसके अलावा यह संग्रहालय कान्हा की रूपरेखा, क्षेत्र का वर्णन और यहां के वन्यजीवों में पाई जाने वाली विविधताओं के विषय में जानकारी प्रदान करता है।
बामनी दादर
संपादित करेंयह पार्क का सबसे खूबसूरत स्थान है। यहां का मनमोहक सूर्यास्त पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींच लेता है। घने और चारों तरफ फैले कान्हा के जंगल का विहंगम नजारा यहां से देखा जा सकता है। इस स्थान के चारों ओर हिरण, गौर, सांभर और चौसिंहा को देखा जा सकता है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सर्वप्रथम हवाई पट्टी का निर्माण किया गया था। लेकिन इतने साल बाद भी इस पर हवाई सेवाएं शुरू नहीं की जा सकी हैं।[7]
दुर्लभ जन्तु
संपादित करेंकान्हा में ऐसे अनेक जीव जन्तु मिल जाएंगे जो दुर्लभ हैं। उद्यान् के पूर्व कोने में पाए जाने वाला भेड़िया, चिन्कारा, भारतीय पेंगोलिन, समतल मैदानों में रहने वाला भारतीय ऊदबिलाव और भारत में पाई जाने वाली लघु बिल्ली जैसी दुर्लभ पशुओं की प्रजातियों को यहां देखा जा सकता है।
राजा और रानी
संपादित करेंआगन्तुकों के केन्द्र के नजदीक साल के पेड़ों के दो विशाल ठूठों को देखा जा सकता है। इन ठूठों की प्रतिदिन जंगल में पूजा की जाती है। इन्हें राजा-रानी नाम से जाना जाता है। राजा रानी नाम का यह पेड़ 2000 के बाद ठूठ में तब्दील हो गया Bahoran
मौसम
संपादित करेंपार्क 1 अक्टूबर से 30 जून तक खुला रहता है। मॉनसून के दौरान यह पार्क बन्द रहता है। यहां का अधिकतम तापमान लगभग 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 2 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है। सर्दियों में यह इलाका बेहद ठंडा रहता है। सर्दियों में गर्म और ऊनी कपड़ों की आवश्यकता होगी। नवम्बर से मार्च की अवधि सबसे सुविधाजनक मानी जाती है। दिसम्बर और जनवरी में बारहसिंहा को नजदीक से देखा जा सकता है।
आवागमन
संपादित करेंकान्हा राष्ट्रीय पार्क वायु, रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। अपनी सुविधा के अनुसार आप कान्हा पहुंचने के लिए इन मार्गो का प्रयोग कर सकते है।
- वायु मार्ग
कान्हा से 175 किलोमीटर दूर स्थित jabalpur में निकटतम डुमना हवाई अड्डा है। यह विभिन्न प्राइवेट एयरलाइन्स की नियमित उड़ानों से जुड़ा हुआ है। यहां से बस या टैक्सी के माध्यम से कान्हा पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग
जबलपुर रेलवे स्टेशन कान्हा पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी स्टेशन है। जबलपुर कान्हा से 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से राज्य परिवहन निगम की बसों या टैक्सी से कान्हा पहुंचा जा सकता है। यदि जबलपुर पहुँचने के बाद पुनः आप रेल द्वारा यात्रा करना चाहें तो नैनपुर या चिरईडोंगरी तक आना एक अच्छा विकल्प होगा नैनपुर से कान्हा 55 व चिरईडोंगरी से मात्र 35 किलोमीटर दूर है जहाँ से लोकल बस के द्वारा असानी से पहुँच सकते हैं ।
- सड़क मार्ग
कान्हा राष्ट्रीय पार्क जबलपुर, खजुराहो, नागपुर, मुक्की और रायपुर से सड़क के माध्यम से सीधा जुड़ा हुआ है। दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से आगरा, राष्ट्रीय राजमार्ग 3 से बियवरा, राष्ट्रीय राजमार्ग 12 से भोपाल के रास्ते जबलपुर पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 12 से मांडला जिला रोड़ से कान्हा पहुंचा जा सकता है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाह्य जोड़
संपादित करें- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान चित्रदीर्घा
- फ्लिकर पर कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के चित्र
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का यात्रा वृतांत
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की छवियाँ
- संरक्षण केन्द्र
- मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की छवियाँ
- यात्रा ब्योरा
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
विकियात्रा पर Kanha National Park के लिए यात्रा गाइड
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Kanha Tiger Reserve". Madhya Pradesh Forest Department. Archived from the original on 10 March 2011. Retrieved 14 April 2010.
- ↑ Neeraj, S. (2017). "Meet 'Bhoorsingh the Barasingha': Kanha tiger reserve becomes first in India get official mascot". Hindustan Times. Archived from the original on 21 January 2021. Retrieved 18 May 2017.
- ↑ "कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का अन्वेषण करें". Archived from the original on 3 नवंबर 2022. Retrieved 3 नवम्बर 2017.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "प्रोजेक्ट टाइगर". Archived from the original on 29 मई 2013. Retrieved 16 जून 2013.
- ↑ "Mahendra Singh Dhoni, Family & Friends Visit Kanha National Park for Tiger Safari and Camping". Kanha National Park Blog | Latest Wildlife News from Kanha (in अमेरिकी अंग्रेज़ी). 2020-01-29. Retrieved 2020-01-31.
- ↑ "Kanha National Park - Kanha: Tiger Reserve Area in MP - Madhya Pradesh(MP) TourisKanha National Park - Kanha: Tiger Reserve Area in MP". Madhya Pradesh(MP) Tourism. Archived from the original on 19 अक्तूबर 2018. Retrieved 19 October 2018.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "कान्हा राष्ट्रीय उद्यान". Retrieved 15 जून 2022.
सामान्य संदर्भ
संपादित करें- K. K. Gurung & Raj Singh: Field Guide to the Mammals of the Indian Subcontinent, Academic Press, San Diego, ISBN 0-12-309350-3
- A. P. Dwivendi: Protected Areas of Madhya Pradesh,Government printing Press, Bhopal 2003