कामुक कला
दृश्य कला यौन उत्तेजना और गतिविधि को उत्तेजित करने के लिए बनाई गई है
कामुक कला के अन्तर्गत मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित होती है ।[1] इन मूर्तियों में वस्त्रों का अभाव होता है । इन मूर्तियों का निर्माण मुख्यत पूर्व मध्य काल में किया गया था ।
कामुक कला के अन्तर्गत मानवी आकार (मूर्तियाँ , चित्र ) नग्न अवस्था में यौन व्यवहार और कार्य करते हुवे दिखाई जाती है \ इस कला में मानवी अंगोको कामुकता पूर्ण दिखाया जाता है \ और यौन क्रिया करते हुवे दिखाया जाता है, मानवीय यौन इच्छाओं उत्तेजित अथवा निर्गमन करने के लिए बनाया जाता है\
गैलरी
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pottery art by Brygos Painter, 480–470 BC
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Oinochoe by the Shuvalov Painter, c. 430–420 BC
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Erotic art by Peter Fendi
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Hokusai, The Adonis Plant (Fukujusō), 1815.
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Hokusai, The Dream of the Fisherman's Wife, c. 1820.
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Gustave Courbet, L'Origine du monde, 1866.
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Egon Schiele, untitled nude, 1914.
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Erotic art by Peter Johann Nepomuk Geiger
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Sheela na Gig at Kilpeck, England.
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Jupiter et Junon by Agostino Carracci (1557 – 1602).
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Turkish Erotic Manuscript (1773)
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Chinese Erotic Art
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Édouard-Henri Avril, illustration for Fanny Hill, 1907
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Tantric carving from the Lakshmana Temple, Khajuraho, India
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Maes, Hans (1 December 2018). Zalta, Edward N. (संपा॰). The Stanford Encyclopedia of Philosophy. Metaphysics Research Lab, Stanford University – वाया Stanford Encyclopedia of Philosophy.