काराकुम नहर
काराकुम नहर (रूसी: Каракумский канал, काराकुमस्की कानाल; तुर्कमेनी: Garagum kanaly, गारागुम कानाली; अंग्रेज़ी: Karakum canal) तुर्कमेनिस्तान में स्थित एक सिंचाई की नहर है जो आमू दरिया से पानी लेकर उसे काराकुम रेगिस्तान के पार ले जाती है। इसकी लम्बाई १,३७५ किलोमीटर है और यह दुनिया की सबसे लम्बी सिंचाई नहरों में से एक है।[1] काराकुम नहर का निर्माण सोवियत संघ के ज़माने में सन् १९५४ में शुरू हुआ था और १९८८ में सम्पन्न हुआ। इसके बनाने से बहुत सी बंजर ज़मीनें उपजाऊ बन गई और तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्क़ाबाद में पानी की सहूलियत हो गई।
नहर से हुई हानि
संपादित करेंदुर्भाग्यवश काराकुम नहर को बनाने में अच्छी तकनीकों का इस्तेमाल नहीं किया गया। आम तौर पर आधुनिक मुख्य नहरों सीमेंट की बनी होती हैं ताकि पानी नीचे और आसपास की धरती में ना चू जाए। इसके बजाए काराकुम नहर सीधे रेगिस्तानी रेत में खुदी हुई है और इसमें कोई सीमेंट का अस्तर नहीं लगा।[1] इस वजह से नहर का लगभग ५०% पानी चू कर बरबाद हो जाता है। इस से नहर के रस्ते में तालाब-झीलें बन गई हैं जिनसे नीचे से नमक ऊपर आ जाता है और ज़मीन को खारा कर देता है, जो वनस्पतियों-फ़सलों के लिए ख़राब है। इसके अलावा आमू दरिया से पानी लेने से आमू में आगे आने वाला अरल सागर इस पानी से वंछित रह जाता है। अरल सागर सूख रहा है और अब एक बहुत ही भयंकर पर्यावरणीय विपदा क्षेत्र है, जिसमें इस नहर का एक बड़ा हाथ है।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Facing global environmental change: environmental, human, energy, food, health and water security concepts, Springer, 2009, ISBN 978-3-540-68487-9, ... the Karakum Canal, the world's longest canal ... As the canal is not lined with cement, just dug into the desert sand, water losses through infiltration are enormous ...
- ↑ Turkmenistan: The Bradt Travel Guide, Paul Brummell, Bradt Travel Guides, 2006, ISBN 978-1-84162-144-9, ... The state of maintenance of the Kara Kum Canal is a cause for concern, and water efficiency is poor. heavy off-take from the Amu Darya has been one of the contributory factors in the gradual drying up of the Aral Sea ...