कार्गो पंथ
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कार्गो कल्ट्स: एक अनोखी धार्मिक परंपरा[1][2]
संपादित करेंपरिचय
संपादित करेंकार्गो कल्ट्स एक अद्वितीय धार्मिक आंदोलन हैं जो मुख्य रूप से पेसिफिक द्वीप समूहों में विकसित हुए हैं। ये कल्ट्स द्वीतीय विश्व युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों द्वारा लाए गए सामानों और तकनीकों के प्रति स्थानीय जनजातियों की प्रतिक्रिया के रूप में उभरे। कार्गो कल्ट्स का मुख्य विश्वास यह है कि विदेशी वस्त्र, भोजन, और अन्य सामान स्वर्गीय शक्तियों द्वारा भेजे गए हैं और इनका उपयोग करने के लिए विशेष अनुष्ठान और प्रथाओं की आवश्यकता होती है।
उत्पत्ति और विकास
संपादित करेंकार्गो कल्ट्स की उत्पत्ति द्वीतीय विश्व युद्ध के दौरान हुई, जब अमेरिकी सैनिकों ने पेसिफिक द्वीपों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इन सैनिकों के पास अत्यधिक मात्रा में सामान, जैसे कि खाद्य सामग्री, कपड़े, और तकनीकी उपकरण थे। स्थानीय जनजातियों ने देखा कि ये सामान अचानक से आ रहा है और उन्होंने इसे एक दिव्य आशीर्वाद समझा।इस विश्वास ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि अगर वे भी उन सामानों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें विशेष अनुष्ठान करने होंगे। इस प्रकार, कार्गो कल्ट्स का जन्म हुआ, जो मुख्य रूप से स्थानीय संस्कृति और धार्मिक विश्वासों को मिलाकर विकसित हुए।
प्रमुख कार्गो कल्ट्स
संपादित करें- जॉन फ्रॉम मूवमेंट: यह मूवमेंट वानुआतु में पाया जाता है और इसके अनुयायी मानते हैं कि एक दिव्य व्यक्ति, जॉन फ्रॉम, उनके लिए सामान लाएगा। अनुयायी इस विश्वास को फैलाने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। जॉन फ्रॉम का नाम स्थानीय भाषा में "जॉन" और "फ्रॉम" का अर्थ है "वह जो आया"।
- कास्त्रो मूवमेंट: यह मूवमेंट पापुआ न्यू गिनी में विकसित हुआ। इसके अनुयायी मानते हैं कि एक व्यक्ति जिसका नाम कास्त्रो है, उनके लिए सामान लाएगा। इस विश्वास के तहत लोग विभिन्न अनुष्ठान करते हैं ताकि उन्हें वह सामान मिल सके। कास्त्रो मूवमेंट ने स्थानीय समुदायों में एक नई पहचान दी है।
- टाम्बु मूवमेंट: यह भी पापुआ न्यू गिनी में पाया जाता है और इसके अनुयायी मानते हैं कि विदेशी वस्त्र और सामान उनके पूर्वजों द्वारा भेजे गए हैं। इस विश्वास को मजबूत करने के लिए अनुयायी विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। टाम्बु मूवमेंट ने स्थानीय संस्कृति को समृद्ध किया है।
- बौगनविल कार्गो कल्ट: यह मूवमेंट बौगनविल द्वीप पर पाया जाता है, जहाँ लोग मानते हैं कि विदेशी वस्त्र और सामान उनके पूर्वजों द्वारा भेजे गए हैं। यहाँ के अनुयायी विशेष अनुष्ठानों के माध्यम से इन वस्त्रों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
अनुष्ठान और प्रथाएँ
संपादित करेंकार्गो कल्ट्स में विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान शामिल होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख अनुष्ठान निम्नलिखित हैं:
- ध्वज उठाना: अनुयायी अक्सर ध्वज उठाते हैं जो उनके विश्वास का प्रतीक होता है। यह ध्वज विदेशी वस्त्रों और सामानों का प्रतीक होता है। ध्वज उठाने की प्रक्रिया में सामूहिक प्रार्थना और उत्सव शामिल होते हैं।
- प्रार्थना और पूजा: अनुयायी नियमित रूप से प्रार्थना करते हैं और पूजा करते हैं ताकि दिव्य शक्तियाँ उन्हें सामान भेजें। ये प्रार्थनाएँ अक्सर सामुदायिक समारोहों में होती हैं जहाँ सभी लोग एकत्र होते हैं।
- विशेष समारोह: कुछ समुदाय विशेष समारोह आयोजित करते हैं जिसमें वे अपने विश्वास को साझा करते हैं और नए अनुयायियों को शामिल करते हैं। ये समारोह अक्सर नृत्य, संगीत, और पारंपरिक भोजन के साथ होते हैं।
- सामाजिक गतिविधियाँ: कार्गो कल्ट्स में सामुदायिक गतिविधियाँ महत्वपूर्ण होती हैं। अनुयायी मिलकर काम करते हैं, जैसे कि खेती करना या निर्माण कार्य करना, जिससे उनकी सामूहिक पहचान मजबूत होती है।
सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव
संपादित करेंकार्गो कल्ट्स ने स्थानीय समुदायों पर गहरा प्रभाव डाला है। इन कल्ट्स ने लोगों को एक नई पहचान दी है और उन्होंने सामुदायिक एकता को बढ़ावा दिया है। हालांकि, कुछ आलोचक मानते हैं कि ये कल्ट्स स्थानीय संस्कृति को कमजोर कर रहे हैं क्योंकि लोग अधिकतर विदेशी वस्त्रों और सामानों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।इन आंदोलनों ने स्थानीय लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत की ओर पुनः ध्यान केंद्रित करने पर मजबूर किया है। कई समुदाय अब अपनी पारंपरिक प्रथाओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे अपने इतिहास को संरक्षित कर सकें।
चुनौतियाँ
संपादित करेंकार्गो कल्ट्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है:
- आधुनिकता: आधुनिकता और वैश्वीकरण ने इन समुदायों में बदलाव लाया है। युवा पीढ़ी अब अधिकतर शहरी जीवन की ओर बढ़ रही है, जिससे इन परंपराओं का संरक्षण मुश्किल हो रहा है।
- शिक्षा: शिक्षा के बढ़ते स्तर ने भी इन कल्ट्स की मान्यता को चुनौती दी है। कई लोग अब विज्ञान और तर्क पर आधारित जीवन जीने लगे हैं, जिससे कार्गो कल्ट्स की मान्यता कमजोर हो रही है।
- बाहरी प्रभाव: बाहरी दुनिया की उपस्थिति ने भी इन कल्ट्स के अस्तित्व को चुनौती दी है। कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs) स्थानीय संस्कृति की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन इसके साथ ही बाहरी विचारधाराएँ भी प्रवेश कर रही हैं।
- आर्थिक दबाव: आर्थिक विकास ने भी कार्गो कल्ट्स को प्रभावित किया है। कई युवा अब बेहतर रोजगार के अवसरों की तलाश में शहरों की ओर जा रहे हैं, जिससे पारंपरिक जीवनशैली कमजोर हो रही है।
निष्कर्ष
संपादित करेंकार्गो कल्ट्स एक अद्वितीय धार्मिक आंदोलन हैं जो स्थानीय जनजातियों की संस्कृति और विश्वासों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये कल्ट्स न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि आधुनिकता के चलते इनकी प्रासंगिकता कम हो रही है, लेकिन ये अभी भी उन समुदायों के लिए महत्वपूर्ण बने हुए हैं जो अपने पूर्वजों की परंपराओं को संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।इनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि कैसे मानवता अपने परिवेश से प्रभावित होती है और कैसे विश्वास प्रणाली समय के साथ विकसित होती है। कार्गो कल्ट्स का अध्ययन न केवल धार्मिकता के विविध रूपों को समझने में मदद करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि मानव समाज किस प्रकार अपनी पहचान बनाए रखता है।कार्गो कल्ट्स की समृद्धि उनके अद्वितीय सांस्कृतिक संदर्भ में निहित है, जो हमें यह समझने में मदद करती है कि कैसे विभिन्न संस्कृतियाँ अपने अनुभवों से सीखती हैं और अपने विश्वासों का निर्माण करती हैं। इस प्रकार, कार्गो कल्ट्स न केवल धार्मिक आंदोलन बल्कि सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक भी बन गए हैं, जो हमें मानवता की जटिलताओं को समझने में मदद करते हैं।
- ↑ Lindstrom, Lamont (2018-03-29). "Cargo cults". The Open Encyclopedia of Anthropology (अंग्रेज़ी में).
- ↑ Lindstrom, Lamont (2018-03-29). "Cargo cults". The Open Encyclopedia of Anthropology (अंग्रेज़ी में).