वर्ग संघर्ष

कार्ल मार्क्स के वर्ग संघर्ष की व्याख्या

मार्क्सवाद के शिल्पकार कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंजेल्स ने लिखा है, " अब तक विद्यमान सभी समाजों का लिखित इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास है।"

मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वर्ग-संघर्ष का सिद्धांत ऐतिहासिक भौतिकवाद की ही उपसिधि है ओर साथ ही यह अतिरिक्त मूल्य के सिद्धांत के अनुकूल है। मार्क्स ने आर्थिक नियतिवाद की सबसे महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति इस बात में देखी है कि समाज मे सदैव ही विरोधी आर्थिक वर्गों का अस्तित्व रहा है। एक वर्ग वह है जिसके पास उत्पादन के साधनों का स्वामित्व है ओर दूसरा वह जो केवल शारिरिक श्रम करता है। पहला वर्ग सदैव ही दूसरे वर्ग का शोषण करता है। मार्क्स के अनुसार समाज के शोषक ओर शोषित - ये दो वर्ग सदा ही आपस मे संघर्षरत रहे हैं और इनमें समझोता कभी संभ

व नहीं है।

बाहरी कड़ियाँ

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मार्क्सवाद कार्ल मार्क्स के समाजशास्त्र में अनेक योगदानों में से एक महत्त्वपूर्ण योगदान वर्ग-संघर्ष है। आपने वर्ग एवं वर्ग-संघर्ष के विभिन्न पहलुओं पर अपने क्रान्तिकारी विचार प्रस्तुत करके विश्व में एक नई विचारधारा पैदा की। समाजशास्त्र में वर्ग एवं वर्ग-संघर्ष का अध्ययन सामाजिक संरचना एवं परिवर्तन को समझने के लिए आवश्यक है। कार्ल मार्क्स के वर्ग एवं वर्ग-संघर्ष से सम्बन्चित विचारों के अध्ययन के पूर्व वर्ग की परिभाषा, वर्ग की विशेषताएँ, वर्ग-विभाजन के आधार तथा वर्ग-निर्धारण के आधारों का अध्ययन किया जायेगा। तत्पश्चात् मार्क्स के वर्ग के सम्बन्ध में विचारों की विवेचना की जाएगी।[1]

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वर्ग का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Class) वर्ग की परिभाषा अनेक विद्वानों-ऑगबर्न ओर निमकॉफ जिन्सबर्ग, गिसबर्ट, मैकाइवर तथा पेज लेपियर व मैक्स वेबर आदि ने दी है। इन विद्वानों की परिभाषाओं का अध्ययन करके वर्ग का अर्थ समझने का प्रयास किया जायेगा, जो निम्न प्रकार है-

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1. ऑगबर्न और निमकॉफ ने सामाजिक वर्गों को इस प्रकार परिभाषित किया है-"एक सामाजिक वर्ग ऐसे व्यक्तियों का संग्रह है जिनकी दिए हुए समाज में आवश्यक रूप से समान सामाजिक प्रस्थिति है।"

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2. जिन्सबर्ग के मत में, "वर्ग ऐसे व्यक्तियों का समूह है जो व्यवसाय, धन, शिक्षा, जीवन-यापन की विधियों, विचारों, मनोभावों, प्रवृत्तियों और व्यवहारों में एक-दूसरे के समान होते हैं अथवा कुछ आधारों पर समानता की भावना से मिलते हैं और इस प्रकार अपने को एक समूह का सदस्य समझते हैं।"

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3. गिसबर्ट के मतानुसार, "सामाजिक वर्ग व्यक्तियों का समूह अथवा श्रेणी (Category) है जिसका समाज में एक निश्चित 'पद' होता है और यह 'पद' ही अन्य समूहों से उनके सम्बन्ध को स्थाई रूप से निर्धारित करता है।

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गिसबर्ट ने वर्ग-निर्माण के लिए ज्ञान, प्रजातीय विशुद्धता, धर्म, सम्पत्ति और शौर्य आदि विशेषताओं का आधार माना है।

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4. मैकाइवर तथा पेज के झुनसार, "एक सामाजिक वर्ग समुदाय का वह भाग है जो सामाजिक प्रस्थिति के आधार पर शेष भाग से अलग कर दिया गया है।" समर्थक

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मार्क्सवादविरोधी

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  1. "Tilke, Max, or Karl Max", Benezit Dictionary of Artists, Oxford University Press, 2011-10-31, अभिगमन तिथि 2024-12-17