कालयवन एक यवन सम्राट था, जो कि मलेच्छ देश पर शासन करता था, वह भगवान कृष्ण का शत्रु था और राजा मुचुकुन्द ने इस राजा को मारा था। श्री हरिवंश पुराण के अनुसार कालयवन का पिता ऋषि शेशिरायण (जिन्हें गर्ग गौत्र में उत्पन्न होने के कारण गार्ग्यत मुनि भी कहा जाता था और त्रिगर्त राज्य के राजगुरू थे) था। जिन्होंने अप्सरा रंभा संग विवाह किया था। इसी विवाह से कालयवन का जन्म हुआ। जिसे मलेच्छ देश के निःसन्तान सम्राट कालजंग ने शेशिरायण से गोद लेकर दत्तक पुत्र बना लिया और उत्तराधिकारी बना दिया।

चढ़ाई संपादित करें

कालयवन ने तीन करोड़ यवन सेना के साथ मथुरा को घेर लिया। चढ़ाई के बाद भगवान कृष्ण ने समस्त मथुरावासियों को द्वारका भेज दिया।

मृत्यु संपादित करें

इसके बाद भगवान कृष्ण ने इस असुर को एक गुफा में लुभाया। इस गुफा में राजा मुचुकुन्द योग-निद्रा में था। कालयवन कृष्ण का गुफा तक पिछा किया लेकिन कृष्ण को न देख, राजा मुचुकुन्द को जागा दिया। मुचुकुन्द को बहुत गुस्सा आया और कालयवन को जलाकर राख कर दिया।

बहार संपादित करें

  • बेहेन निवेदिता और आनन्द कुमारस्वामी Myths and Legends of the Hindus and Bhuddhists, कोल्कत्ता २००१ ISBN 81-7505-197-3
  • Pictorial Stories for Children Volume 15 - श्रि रामक्रिश्न माथ, चेन्नै - ISBN ८१-७१२०-८४२-८