काली मौत

यूरेशिया और उत्तरी अफ्रीका में महामारी (1346-1353)

काली मौत (ब्लैक डेथ) (जिसे (लातिन: magna mortalitas, 14 वीं शताब्दी में इस महामारी के लिये प्रयुक्त शब्द), लातिन: atra mors, ग्रेट प्लेग, ग्रेट बुबोनिक प्लेग, या ब्लैक प्लेग के रूप में भी जाना जाता है) सन् 1346 से 1353 तक एफ्रो-यूरेशिया में हुई एक ब्यूबोनिक प्लेग महामारी था। यह मानव इतिहास में दर्ज सबसे घातक महामारी है। इस महामारी की वज़ह से यूरेशिया और उत्तरी अफ्रीका में 75 से 200 मिलियन लोगों की मौत हुई।[1] यूरोप में यह महामारी 1347 से 1351 तक चरम पर थी। बुबोनिक प्लेग जीवाणु येरसिनिया पेस्टिस के कारण होता है।[2]

काली मौत
1346-1353 में यूरोप में काली मौत के फैलते हुए आंकड़ों को दर्शाता चित्र
रोगब्यूबोनिक प्लेग
स्थानयूरेशिया, उत्तरी अफ्रीका
तारीख1346–1353
मृत्यु
75,000,000–200,000,000 (आकलन)

काली मौत दूसरी प्लेग महामारी की शुरुआत थी।[3] प्लेग ने यूरोपीय इतिहास में धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक रुप से उथल-पुथल पैदा की। वर्तमान में बुबोनिक प्लेग को टीका और एंटीबायोटिक दवाओं के साथ आसानी से ठीक किया जाता है।

  1. "Economic life after Covid-19: Lessons from the Black Death". The Economic Times. 29 March 2020.
  2. "Plague". World Health Organization. October 2017. मूल से 24 April 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 November 2017.
  3. Firth, John (April 2012). "The History of Plague – Part 1. The Three Great Pandemics". jmvh.org. मूल से 2 October 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 November 2019.

बाहरी कड़ियाँ

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