काष्ठ या लकड़ी एक कार्बनिक पदार्थ है, जिसका उत्पादन वृक्षों(और अन्य काष्ठजन्य पादपों) के तने में परवर्धी जाइलम के रूप में होता है। एक जीवित वृक्ष में यह पत्तियों और अन्य बढ़ते ऊतकों तक पोषक तत्वों और जल की आपूर्ति करती है, साथ ही यह वृक्ष को सहारा देता है ताकि वृक्ष खुद खड़ा रह कर यथासंभव ऊँचाई और आकार ग्रहण कर सके। लकड़ी उन सभी वानस्पतिक सामग्रियों को भी कहा जाता है, जिनके गुण काष्ठ के समान होते हैं, साथ ही इससे तैयार की जाने वाली सामग्रियाँ जैसे कि तंतु और पतले टुकड़े भी काष्ठ ही कहलाते हैं।

कई विशेषताएं दर्शाती हुई लकड़ी की सतह

सभ्यता के आरंभ से ही मानव लकड़ी का उपयोग कई प्रयोजनों जैसे कि ईंधन (जलावन) और निर्माण सामग्री के तौर पर कर रहा है। निर्माण सामग्री के रूप में इसका उपयोग मुख्य रूप भवन, औजार, हथियार, फर्नीचर, पैकेजिंग, कलाकृतियां और कागज आदि बनाने में किया जाता है। लकड़ी का काल निर्धारण कार्बन डेटिंग और कुछ प्रजातियों में वृक्षवलय कालक्रम के द्वारा किया जाता है। वृक्ष वलयों की चौड़ाई में साल दर साल होने वाले परिवर्तन और समस्थानिक प्रचुरता उस समय प्रचलित जलवायु का सुराग देते हैं।[1]

विभिन्न प्रकार के काष्ठ

विकास वलय

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अंत:काष्ठ और रसदारु

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विभिन्न प्रकार

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जल की मात्रा

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निर्माण कार्य

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नयी पीढ़ी के काष्ठोत्पाद

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कला कृतियां

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=== खेल और मनोरंजन का


सामान ===

  1. Briffa K.; एवं अन्य (2008). "Trends in recent temperature and radial tree growth spanning 2000 years across northwest Eurasia". Philosophical Transactions of the Royal Society B: Biological Sciences (363): 2271–2284. डीओआइ:10.1098/rstb.2007.2199. Explicit use of et al. in: |author= (मदद)

बाहरी कड़ियाँ

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